बीजेपी ने राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और बिथरी विधायक का काटा टिकट, जानिए वजह
कैंट विधायक राजेश अग्रवाल की 79 आयु होने के बाद भी पार्टी से टिकट के लिए पूरी तैयारी में थे। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष का चुनावी मैदान में डटना उनकी मजबूती का संकेत दे रहा था। उन्होंने विकल्प के तौर पर अपने बेटे मनीष अग्रवाल की इशारा भी किया था। इसके बाद भी सारे दावे दरकिनार कर दिए गए।
बरेली।बीजेपीअपने नियमों और कायदों के लिए जानी जाती है। पार्टी में चुनाव लड़ने की जो गाइड लाइन तय की गई है, उस पर सख्ती से पालन किया जा रहा है। इसी क्रम में भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व बरेली से कैंट विधायक रहे राजेश अग्रवाल का टिकट काट दिया गया, जबकि बरेली में राजेश अग्रवाल पार्टी के चेहरा के रूप में पहचाने जाते है।
राजेश अग्रवाल के साथ ही बिथरी चैनपुर से विधायक रहे राजेश कुमार मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल का भी टिकट कट गया।इस चुनाव में विधायकों के टिकट कटने है यह तो तय था, इसके संकेत भी मिल चुके थे,
लेकिन कैंट विधायक का अचानक टिकट कटने का सवाल लोगों के जेहन में अब भी कौंध रहा है। इसके साथ ही बिथरी चैनपुर विधायक राजेश कुमार मिश्रा पप्पू भरतौल से क्या खता हुई जो उनका भी टिकट कट गया।
उम्र की सीमा बन रही बाधा
मालूम हो कि कैंट विधायक राजेश अग्रवाल की 79 आयु होने के बाद भी पार्टी से टिकट के लिए पूरी तैयारी में थे। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष का चुनावी मैदान में डटना उनकी मजबूती का संकेत दे रहा था। उन्होंने विकल्प के तौर पर अपने बेटे मनीष अग्रवाल की इशारा भी किया था। इसके बाद भी सारे दावे दरकिनार कर दिए गए।
पिछले साल प्रदेश स्तरीय बड़े नेता के सर्किट हाउस आगमन पर राजेश अग्रवाल के टिकट को लेकर चर्चा उठी थी।उनका मत लेने का प्रयास हुआ था। स्पष्ट जवाब तो नहीं आया मगर, संकेत हो गए थे कि चुनावी पारी बहुत लंबी नहीं होगी। राजेश अग्रवाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से भाजपा में आए हैं।
ऐसी ही पृष्ठभूमि के वैश्य दावेदार संजीव अग्रवाल के तौर पर मिले तो उन्हें मैदान सजाने का संकेत कर दिया गया था। प्रदेश में सह कोषाध्यक्ष का पद देकर संगठन में उनके कद का मान रखा था। टिकट की बारी आई तो राजेश अग्रवाल के दावे को खुले तौर पर नकारने के बजाय संजीव अग्रवाल को तैयारी जारी रखने के लिए कहा गया।जिसके बाद परिणाम सबके सामने आ गया।
इसे भी पढ़ें...