लखनऊ से सियासी तपिश भांप लौटा भाजपा हाईकमान, अब दिल्ली में खींचा जाएगा मिशन—2022 का खाका

टीम भारत दीप |

हाईकमान ने दिया मिशन—2022 की जीत का मंत्र।
हाईकमान ने दिया मिशन—2022 की जीत का मंत्र।

संघ के नेताओं के बाद केन्द्रीय नेतृत्व यहां तीन दिनों तक प्रवास कर सत्ता एवं संगठन के बीच सियासी तपिश भांपने की कोशिश करता रहा। साथ ही सरकार एवं सगठन के बीच बेहतर तालमेल का 2022 फतह का मंत्र देकर केन्द्रीय नेता दिल्ली लौट गए।

लखनऊ। तमाम चर्चाओं के बीच लखनऊ से सियासी तपिश भांप भाजपा हाईकमान दिल्ली वापस लौट चुका है। अब वहीं पर मिशन—2022 का खाका खींचा जाएगा। दरअसल पंचायत चुनाव के बाद से सत्तासीन भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व एवं संगठन की चिंता बढ़ गयी है।

इसीलिए संघ के नेताओं के बाद केन्द्रीय नेतृत्व  यहां तीन दिनों तक प्रवास कर सत्ता एवं संगठन के बीच सियासी तपिश भांपने की कोशिश करता रहा। साथ ही सरकार एवं सगठन के बीच बेहतर तालमेल का 2022 फतह का मंत्र देकर केन्द्रीय नेता दिल्ली लौट गए। इन बैठकों को लेकर संगठन एवं सरकार दोनों की ही नींद उड़ गयी है क्योंकि उन्हें परिवर्तन की आहट सुनायी दे रही है।

साथ ही ब्यूरोक्रेसी द्वारा समस्याओं को न सुनने की शिकायतें भी आम रही। ऐसे में यूपी में सत्ता एवं संगठन के साथ अफसरशाही में बदलाव होने की संभावना जतायी जा रही है। मालूम हो कि संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले करीब एक सप्ताह पहले लखनऊ प्रवास कर संगठन एवं सत्ता का फीडबैक लेकर गए थे।

इसके कुछ ही दिनों बाद केन्द्रीय संगठन मंत्री बी एल संतोश एवं भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह 31 मई को लखनऊ पहुंच गये। यहां पर इन दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा से अलग- अलग मुलाकात की।

साथ ही सरकार में शामिल कैबिनेट मंत्रियों, संगठन के प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री, क्षेत्रीय अध्यक्षों, लखनऊ के विधायकों, मीडिया प्रवक्ताओं, पैनलिस्टों एव पार्टी के आईटी सेल से जुड़े लोगों से मुलाकात कर फीडबैक लिया। इस मुलाकात के दरम्यान पंचायत चुनाव में औसत से कम सफलता मिलने का कारण, कोरोना काल में किये गए सेवा कार्यो की जानकारी हासिल की।

साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी एवं सरकार तथा संगठन के बीच तालमेल को लेकर विस्तार से जानकारी हासिल की। बताया गया कि इसके अलावा इस दौरान यह शिकायत आम रही कि समस्याओं के निस्ताकरण को लेकर अफसरशाही सुनती नहीं है। इससे लोगों की समस्याएं हल नहीं हो पाती जिससे नाराजगी बढ़ रही है।

वहीं उन्होंने केन्द्रीय एवं राज्य की योजनाओं को प्रचार प्रसार करने पर बल दिया। सरकार एवं संगठन के बीच बेहतर तालमेल बनाने एवं जन संवाद बढ़ाने का भी मंत्र दिया जिससे 2022 में यूपी में फिर भाजपा का परचम लहरा सके। केन्द्रीय नेतृत्व सरकार एवं संगठन का फीडबैक लेकर वापस दिल्ली लौट गया है। वह अपनी यह रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौपेंगे।

जिसके आधार पर कुछ बदलाव की संभावना जताई जा रही हैं। हालांकि जिस तरह की सरकार एवं सगठन में बदलाव की चर्चा थी उस पर कोई निर्णय केन्द्रीय नेतृत्व बाद में ही लेगा। ब्यूरोक्रेट से राजनेता बने ए के शर्मा को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व ने कोई पत्ता नहीं खोला। लेकिन यह भी सच है कि मुख्यमंत्री प्रदेश में दो पावर सेंटर नहीं बनने देना चाहते है।

ऐसे में शर्मा को सरकार में शामिल होंगे कि नहीं यदि शामिल भी होंगे को किस रूप में। वहीं सगठन में बदलाव को लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने स्वयं खारिज कर दिया कि वे प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा संगठन ही 2022 में 300 से अधिक सीटें जीतेगा। 

 हाईकमान ने दिया मिशन—2022 की जीत का मंत्र
 लगभग सात माह बाद यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर संघ से लेकर भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व खासा चिन्तित है। इसको लेकर ताबड़तोड बैठकें की जा रही है। हाई कमान ने शायद पहली बार सत्ता एवं संगठन के मुख्य नेताओं के साथ सामूहिक नहीं बल्कि बंद कमरे में अलग अलग बैठकें की।

लेकिन इस बैठक में शामिल हुए नेताओं में कोई इसे रूटीन बैठक बता रहा है तो कोई संगठन एवं सरकार में किसी तरह के बदलाव को खारिज कर रहा है। वहीं पार्टी का मीडिया सेल भी इस मामले में कुछ बोलने से बच रहा है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी हाईकमान से जुड़े दो नेताओं ने यूपी की राजधानी लखनऊ मे प्रवास कर तीन दिनों तक मैराथन बैठकें की।

यह बैठकें सामूहिक नहीं बल्कि अलग अलग हुई हैं। इसमें मुख्यमंत्री से लेकर लखनऊ के विधायक सांसद एवं संगठन के क्षेत्रीय अध्यक्षों के साथ ही पार्टी का मीडिया एवं आईटी सेल से जुड़े लोग भी शामिल हुए। इस दौरान मौजूदा हालात की समीक्षा के साथ ही 2022 के जीत के मंत्र भी इन नेताओं को दिये गए।

इधर अवध क्षेत्र के अध्यक्ष शेष नारायण मिश्र के मुताबिक यह रूटीन बैठक थी जो लगभग हर माह होती रहती है। इसमें मौजूदा काम काज की समीक्षा तथा भावी रणनीति पर चर्चा होती है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकार एवं संगठन के बीच बेहतर तालमेल बिठाना ही है। इस दौरान लोगों के मन में जो शिकायतें एवं सुझाव रहते है वह भी साझा किये जाते हैं।

वहीं पार्टी के एक प्रदेश पदाधिकारी के मुताबिक प्रदेश में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। इन बैठकों को लेकर मीडिया ही बदलाव को तूल देने का काम कर रहा है। बताया गया कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव जीत हासिल करना है। इसी के लिए गोल सेट करने का काम किया जा रहा है।

रहीं बात एमएलसी ए के शर्मा की तो वह वाराणसी में प्रवास कर कार्य कर रहे हैं  जिसके बेहतर परिणाम भी दिख रहे हैं। 


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