एटा में हार से बौखलाएं भाजपा विधायकों ने दोबारा मतगणना के लिए धरने पर बैठे

टीम भारत दीप |

10 नंबर वार्ड से जीते कैंडिडेट को सर्टिफिकेट देने के बजाय किसी और को दिया गया।
10 नंबर वार्ड से जीते कैंडिडेट को सर्टिफिकेट देने के बजाय किसी और को दिया गया।

भाजपा के चार विधायकों ने जिला प्रशासन के खिलाफ बुधवार शाम को धरने पर बैठ गए। इन विधायकों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने उनके प्रत्याशियों को जानबूझकर हराया है। इन विधायकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि किसी दूसरे चुनाव अधिकारी की ​देखरेख में दोबारा मतगणना कराई जाए।

एटा। हाल ही हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम अब करीब-करीब आ चुके है। पूरे प्रदेश में सपा ने भाजपा को कडी टक्कर दी है। कहीं-कहीं तो भाजपा को मात भी खानी हुई है। कुछ ऐसी ही स्थिति प्रदेश के एटा जिले में देखने को मिली है। यहां हार से बौखलाएं भाजपा के चार विधायकों ने जिला प्रशासन के खिलाफ बुधवार शाम को धरने पर बैठ गए।

इन विधायकों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने उनके प्रत्याशियों को जानबूझकर हराया है। इन विधायकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि किसी दूसरे चुनाव अधिकारी की ​देखरेख में दोबारा मतगणना कराई जाए।

भाजपा विधायक ने  जिला पंचायत सदस्य कैंडिडेट्स को हरवाने और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने का आरोप लगाया है। विधायकों ने सभी 30 सीटों पर किसी दूसरे निर्वाचन अधिकारी की देखरेख में फिर से मतगणना कराने की मांग की है। विधायकों के धरने की सूचना मिलते ही डीएम डॉक्टर विभा चहल और एसएसपी उदय शंकर सिंह फोर्स के साथ मौके पर हैं।

यह विधायक बैठे धरने पर

जिला प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठने वालों में एमएलसी धर्मवीर प्रजापति भी हो जो खुदएटा जिला पंचायत चुनाव के प्रभारी भी थे। इसके अलावा मारहरा सीट से विधायक वीरेंद्र लोधी, अलीगंज से विधायक सत्यपाल सिंह राठौर, जलेसर के विधायक संजीव दिवाकर शामिल हैं। ​​​

एजेंटों को बाहर करने का आरोप

धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि मतगणना शुरू होने के कुछ देर बाद से हमारे कार्यकर्ताओं के फोन आने लगे कि एजेंटों को मतगणना स्थल से बाहर कर दिया। एक घंटे बाद पता चला कि जो हमारा उम्मीदवार 900 और 1000 वोटों से आगे चल रहा है, वह दो हजार से पीछे कर दिया गया।

इसकी शिकायत करने के बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिला प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को सही सिद्ध किया। आज हमारे 10 नंबर वार्ड से जीते कैंडिडेट को सर्टिफिकेट देने के बजाय किसी और को दिया गया। 10 नंबर वार्ड में सात बूथों का पता नहीं है। कटिंग कर नंबर बढ़ाए गए हैं।

धर्मवीर ने दावा किया है कि  27 वार्डों की काउंटिंग फिर चाहते हैं। इन पर हमें भरोसा नहीं है। सभी मतगणना कर्मियों ने शिकायतों को नजरअंदाज किया गया है। प्रशासन का सपा से गेम फिक्स था।

इस जिले के अलावा किसी और जिले के अधिकारी से मतगणना कराई जाए। हम 25 वार्ड जीतेंगे। भाजपा विधायकों द्वारा लगाए गए आरोप से हर कोई हैरान है, अभी तक विपक्ष इस तरह के आरोप लगाता रहा है। पहली बार सत्ता पक्ष के विधायकों ने ​प्रशासन पर आरोप लगाया है। 


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