बैकफुट पर आया ट्विटर, उपराष्ट्रपति के एकाउंट को किया रिस्टोर, संघ के कई नेताओं के खाते से हटाया

टीम भारत दीप |
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ट्विटर की पॉलिसी के अनुसार ब्लू टिक स्वचालित रूप से निष्क्रिय खातों से हटा दिए जाते हैं।
ट्विटर की पॉलिसी के अनुसार ब्लू टिक स्वचालित रूप से निष्क्रिय खातों से हटा दिए जाते हैं।

ट्विटर के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने आपत्ति जाहिर की है। भारतीय जनता पार्टी के एक नेता सुरेश नाखुआ ने सवाल किया, 'ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक क्यों हटा दिया? यह भारत के संविधान पर हमला है।

नईदिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए आईटी नियमों को लेकर चल रहे विवाद के बीच शनिवार सुबह अचानक ट्विटर ने भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और संघ के कई नेताओं के पर्सनल ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया।

हालांकि, विवाद बढ़ता देख थोड़ी ही देर में ट्विटर को नायडू के अकाउंट का ब्लू-टिक री-स्टोर करना पड़ा। उपराष्ट्रपति कार्यालय के आधिकारिक हैंडल पर पहले से ही यह टिक लगा हुआ था। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नायडू का अकाउंट पिछले कई महीने से एक्टिव नहीं था। इस वजह से उनके पर्सनल हैंडल को अनवेरिफाइड कर दिया गया था।

आरएसएस के कई नेताओं के अकाउंट भी अनवेरिफाइड

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएएस) के कई नेताओं के ट्विटर अकाउंट को भी ट्विटर ने अनवेरिफाई कर दिया। इनमें अरुण कुमार, भैयाजी जोशी और सुरेश सोनी जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।

हालांकि, संघ प्रमुख और सरकार्यवाह के अकाउंट पर फिलहाल वेरिफाइड शो हो रहे हैं। इस बीच भाजपा मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने ट्विटर की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने इसे भारत के संविधान पर हमला बताया।

पिछले 11 महीने से कोई ट्वीट नहीं

आपकों बता दें कि उपराष्ट्रपति के पर्सनल अकाउंट को 13 लाख लोग फॉलो करते हैं। उनके ट्विटर अकाउंट से पिछले 11 महीने से कोई ट्वीट नहीं हुआ है। इस अकाउंट से 23 जुलाई 2020 को आखिरी बार ट्वीट किया गया था।

ट्विटर की एकतरफा कार्रवाई से आईटी मंत्रालय नाराज था। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय का मानना है कि देश के नंबर-2 अथॉरिटी के व्यक्ति के साथ ऐसा सलूक नहीं किया जा सकता। इसके पीछे ट्विटर की मंशा गलत है। मामले में ट्विटर की दलील भी पूरी तरह गलत है।

 यह होता है ब्लू टिक

ट्विटर के मुताबिक, ब्लू वैरिफाइड बैज (ब्लू टिक) का मतलब होता है कि अकाउंट जनहित से जुड़ा और वास्तविक है। इस टिक को हासिल करने के लिए ट्विटर अकाउंट का सक्रिय रहना बहुत जरूरी है।

फिलहाल ट्विटर सरकारी कंपनियों, ब्रांड और नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन, समाचार संगठन और पत्रकार, मनोरंजन, स्पोर्ट्स एंड ई-स्पोर्ट्स, कार्यकर्ता, ऑर्गेनाइजर्स और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के खास अकाउंट्स को वैरिफाई करता है।

इसलिए हटाया ब्लू टिक

ट्विटर की शर्तों के मुताबिक, यदि कोई अपने हैंडल का नाम बदलता है या फिर यूजर अपने अकाउंट को उस तरह से इस्तेमाल नहीं करता, जिसके आधार पर वेरिफाई किया गया था। इस स्थिति में ब्लू टिक यानी ब्लू वैरिफाइड बैज बिना किसी सूचना के हटाया जा सकता है।

अकाउंट के एक्टिव होने की जांच उसके पिछले 6 महीने के आंकड़ों से लिया जाता है कि यूजर ने अपने हैंडल का इस अवधि में इस्तेमाल किया है या नहीं। एक यूजर का कहना है कि 23 जुलाई 2020 के बाद उपराष्ट्रपति ने कोई ट्वीट नहीं किया। ट्विटर की पॉलिसी के अनुसार ब्लू टिक स्वचालित रूप से निष्क्रिय खातों से हटा दिए जाते हैं।

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