कर्नाटक में पुजारियों से शादी करने पर दुल्हन को मिलेगा तीन लाख रुपये, जानें शर्तें
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की दुल्हनों के लिए दो नई योजनाएं-'अरुंधति' और 'मैत्रेयी' शुरू की गई हैं। मालूम हो कि पिछले साल बीएस येदियुरप्पा की सरकार ने इस बोर्ड का गठन किया था। बोर्ड के अनुसार, पहली योजना- अरुंधति, जिसके तहत ब्राह्मण दुल्हनों को 25,000 रुपये मिलेगा।
कर्नाटक। कर्नाटक सरकार ने प्रदेश के पुजारियों के लिए एक अनोखी योजना शुरू की है। यहां पुजारियों से शादी करने के बाद दुल्हनों को मिलेंगे तीन लाख रुपये। शर्त यह कि शादी चार साल तक चलनी चाहिए।
चार साल से पहले शादी अगर टूट जाती है। तो कोई लाभ नहीं मिलेगा।राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड की तरफ से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की दुल्हनों के लिए दो नई योजनाएं-'अरुंधति' और 'मैत्रेयी' शुरू की गई हैं।
मालूम हो कि पिछले साल बीएस येदियुरप्पा की सरकार ने इस बोर्ड का गठन किया था। बोर्ड के अनुसार, पहली योजना- अरुंधति, जिसके तहत ब्राह्मण दुल्हनों को 25,000 रुपये मिलेगा। दूसरी योजना- मैत्रेयी, जिसके तहत राज्य में पुजारी से शादी करने वाली ब्राह्मण महिलाओं को तीन लाख रुपये देगी।
बोर्ड के अध्यक्ष और भाजपा नेता एचएस सचिदानंद मूर्ति ने कहा, हमने योजनाओं को लॉन्च करने की स्वीकृति प्राप्त की है। अरुंधति और मैत्रेयी के लिए अलग-अलग फंड सेट किए गए हैं।
हम इन फंडों का लाभ उठाने के लिए प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं। यह समुदाय के कमजोर वर्गों की सहायता करने के हमारे प्रयासों का हिस्सा है।भाजपा नेता ने आगे कहा कि पैसे तीन किस्तों में जमा किए जाएंगे। अगर शादी चार साल तक चलती है तो चौथे साल महिलाओं को ब्याज के साथ पैसा मिलेगा ।
इन योजनाओं का लाभों का लाभ उठाने के लिए आवेदकों को यह प्रमाणित करना होगा कि उनके पास पांच एकड़ या उससे अधिक कृषि भूमि नहीं है। आवेदक के पास 1000 वर्ग फुट से अधिक का आवासीय फ्लैट नहीं है। परिवार की आय सालाना 8 लाख रुपये से नीचे होनी चाहिए। कर्नाटक सरकार की योजना काफी लोकप्रिय हो रही है।
आर्थिक रूप से कमजोर को मिलेगा लाभ
अरुंधति योजना के तहत दुल्हन को शादी के समय 25 हज़ार रुपये दिए जाने का प्रावधान है। इसके लिए शर्त है कि दुल्हन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की हो, ब्राह्मण हो, कर्नाटक से हों और उनकी पहली शादी हो। इससे उन्हें कुछ गहने खरीदने में मदद मिल सकेगी।
मैत्रेयी योजना के तहत जोड़े को शादी के तीन साल बाद तीन लाख रुपये देने का प्रावधान है। शर्त ये है कि दोनों आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार के होने चाहिए, कर्नाटक से होने चाहिए और यह उनकी पहली शादी होनी चाहिए।
अगर इन तीन वर्षों के दौरान दोनों के बीच तलाक़ हो गया तो दोनों में से कौन यह रुपये लौटाएगा। इसलिए सरकार ने रुपये तुरंत नहीं देने की व्यवस्था की है, बोर्ड उनके नाम पर बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करवाता है, तीन साल पूरे होने पर हम ब्याज़ समेत पूरी रक़म को उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं।