भैंस व पड़रे का कराया मुंडन संस्कार, गंगा घाट पर जुटी भीड़, 500 लोगों को दी दावत
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अभी तक हम सभी ने बच्चे के जन्म पर मुंडन संस्कार की दावत खूब खाई है। पहली बार में प्रदेश में भैंस के पड़रे के मुंडन संस्कार में पांच सौ लोगों ने दावत खाई और मुंडन संस्कार का साक्षी बनने के लिए लोगों की भीड़ गंगा घाट पर लग गई।
संभल। अभी तक हम सभी ने बच्चे के जन्म मुंडन संस्कार की दावत खूब खाई है। पहली बार में प्रदेश में भैंस के पड़रे के मुंडन संस्कार में पांच सौ लोगों ने दावत खाई और मुंडन संस्कार का साक्षी बनने के लिए लोगों की भीड़ गंगा घाट पर लग गई।
ऐसा अजब— गजब मामला संभल जिले में देखने को मिला ।यहां के रहने वाले एक किसान ने अपने भैंस के बच्चे देने की खुशी में शुक्रवार सुबह लोगों को घाट पर मुंडन संस्कार और दोपहर में भोज में शामिल होने के लिए निमंत्रत किया था।
इसलिए सुबह से ही लोगों का गंगा घाट पर आना शुरू हो गया। आठ बजे जब भैंस का मुंडन संस्कार शुरू हुआ तो इसे देखने वालों की भीड़ एकत्र हो गई।
गुन्नौर के नंदरौली निवासी किसान नेम सिंह ने बताया कि उसके घर में न जाने किसका श्राप लगा है कि भैंस के पड़रे पैदा होने के बाद मर जाते हैं। काफी समय से वह इसे लेकर परेशान था।
कुछ दिन पहले घर आये एक साधु से भी उसने अपनी परेशानी बांटी। साधु ने कहा कि इस बार भैंस का पड़रे पैदा होने पर भैंस और पड़रे का मुंडन संस्कार गंगा तट पर बच्चे की तरह कराने से पड़रे की मौत नहीं होगी।
भैंस के पड़रे की सलामती के लिए नेम सिंह मुंडन समारोह की तैयारी में जुट गया। इसके लिए बाकायदा कार्ड छपवाए गए। राजघाट गंगा तट पर सवेरे एक परिवार के साथ बड़ी संख्या में लोग भैंस और पड़रे के साथ पहुंचे तो लोग चौंक गए।
जब लोगों को पता चला कि आज भैंस और पड़रे का मुंडन होना है तो लोगों की भीड़ जुट गई। भैंस का मुंडन करने के लिए मोटी रकम देकर एक नाई को तैयार किया गया और फिर विधि विधान से मुंडन शुरू हुआ।
इस दौरान परिवार की महिलाओं ने बच्चों के मुंडन के समय गाए जाने वाले गीत भी गाए। नाई ने पहले भैंस और फिर उसके पड़रे का मुंडन किया। इसके बाद दोनों को गंगा में स्नान कराया गया। भैंस और पड़रे के मुंडन संस्कार की खबर और वीडियोे तेजी से वायरल हो रहे है।