बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना बना मौत का सबब, दो बहनों की दम घुटने से मौत, एक की हालत नाजुक

टीम भारतदीप |

बताया जा रहा है कि कमरे में कार्बन मोनो आक्साइड फैल गई होगी।
बताया जा रहा है कि कमरे में कार्बन मोनो आक्साइड फैल गई होगी।

दरअसल बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोने से यहां तीन बहनों में से दो की दम घुटने से मौत हो गई जबकि तीसरी की भी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। वहीं पुलिस ने दोनों मृत बहनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से दुखदायक खबर सामने आई है। यहां बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना एक परिवार के लिए मातम का सबब बन गया। दरअसल बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोने से यहां तीन बहनों में से दो की दम घुटने से मौत हो गई जबकि तीसरी की भी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है।

वहीं पुलिस ने दोनों मृत बहनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।जानकारी के मुताबिक यहां के मझवलिया गांव निवासी अवधेश प्रसाद की तीन बेटियां प्रतिमा (20), अंतिमा (18) और निधी (17) एक कमरे में कोयले की अंगीठी जलाकर बीती रात सो गई।

कमरा पूरी तरह बंद था। उसमें न कोई खिड़की थी न ही रोशनदान। बताया जा रहा है कि कमरे में कार्बन मोनो आक्साइड फैल गई होगी। इससे ऑक्सीजन काफी कम हो गया होगा। इसी वजह से अंगीठी के धुंए से दो बहनों अंतिमा और निधि की दम घुटने से मौत हो गई।

वहीं कमरे में सो रही तीसरी बहन प्रतिमा की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। उसका गोरखपुर के बड़हलगंज के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज जारी है। वहीं दोनों बहनों की मौत से परिवार और गांव में मातम छाया हुआ है। बताया जा रहा है कि रात में तीनों बेटियां खाना खाने के बाद कमरे में सोने चली गईं थीं।

सोमवार सुबह कमरे से कोई आवाज नहीं आने पर लोहे के रॉड से दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर तीनों बहनें अचेत पड़ी हुई थीं। परिवारवाले ने आनन-फानन तीनों को नजदीकी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने अंतिमा और निधि को मृत घोषित कर दिया।

वहीं प्रतिमा का इलाज चल रहा है। वहीं बड़हलगंज के निजी अस्पताल में भर्ती प्रतिमा की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रतिमा की शादी पिछले साल हुई थी। उसके पति विजय कुमार विदेश में काम करते हैं। प्रतिमा और उसकी बहनों के साथ हुए इस हादसे की सूचना पर उसके ससुरालवाले भी अस्पताल पहुंच गए हैं।

वहीं सास उर्मिला देवी देखभाल में लगी हुई हैं। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि कोयला जलाने पर कार्बन मोनोऑक्साइड निकलती है। यह गैस सांस के जरिए अंदर जाने पर दिमाग में खून की सप्लाई बंद हो जाती है। इसके कारण ब्रेन हेमरेज हो सकता है। जान भी जा सकती है। 
 


संबंधित खबरें