फिरोजाबाद में कारोबारी की मौत, परिजनों ने किया हंगामा, 5 घंटे एंबुलेंस में पड़ा रहा शव

टीम भारत दीप |

डॉ. आलोक कुमार का कहना था कि रवि की हालत गंभीर थी, परिवार के आरोप निराधार हैं।
डॉ. आलोक कुमार का कहना था कि रवि की हालत गंभीर थी, परिवार के आरोप निराधार हैं।

रवि जैन को 30 अप्रैल की शाम कोविड हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। सोमवार रात से वे वेंटीलेटर पर थे। भाई राजीव ने बताया कि मंगलवार सुबह नौ बजे वीडियो कालिंग के जरिए बात करते हुए उन्होंने दलिया खाने की बात बताते हुए तबीयत को ठीक बताया था। उनके शरीर में आक्सीजन का लेवल भी 95 फीसद था।

फिरोजाबाद। कोविड अस्पताल में संक्रमितों के इलाज में लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम ले रहा है। हर मौत के बाद परिजनों का अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाना आम बात हो गई है, इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं ला रहा है।

परिजनों को बीमारों के बारे में सही जानकारी नहीं देते इससे, संक्रमित की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हो उठते हे। ताजा मामला स्वशासी राजकीय मेडिकल कालेज के कोविड हास्पिटल में भर्ती कराए गए टूंडला के इलेक्ट्रानिक्स और फर्नीचर कारोबारी का है।

कारोबारी की मंगलवार सुबह मौत हो गई। इससे आक्रोशित परिवार वालों ने हंगामा करते हुए हत्या करने का आरोप लगाया। परिजन का कहना था कि व्यापारी की आक्सीजन जानबूझकर हटाई गई। हंगामे से भयभीत स्टाफ भाग गया था।

30 अप्रैल को कराया था भर्ती

टूंडला के स्टेशन रोड निवासी रवि जैन को 30 अप्रैल की शाम कोविड हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। सोमवार रात से वे वेंटीलेटर पर थे। भाई राजीव ने बताया कि मंगलवार सुबह नौ बजे वीडियो कालिंग के जरिए बात करते हुए उन्होंने दलिया खाने की बात बताते हुए तबीयत को ठीक बताया था। उनके शरीर में आक्सीजन का लेवल भी 95 फीसद था। इस बीच सुबह 11 बजे अस्पताल से उनकी मौत की सूचना दी गई।

इसके बाद पिता डीएस जैन, पत्नी ज्योति, भाई राजीव और उनके तीनों बच्चे समेत सभी घर वाले अस्पताल पहुंच गए। वे अस्पताल कर्मियों पर आक्सीजन हटाकर हत्या करने का आरोप लगा रहे थे। उनका कहना था कि रवि के भर्ती होने के बाद से ही वह अस्पताल प्रशासन के संपर्क में थे, लेकिन उनके इलाज के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। हमेशा हालत ठीक बताई गई। वर्ना वे दिल्ली ले जाते।

हंगामे की सूचना पर उत्तर थाने का फोर्स पहुंच गया। इसी बीच घर वाले  हास्पिटल कंट्रोल रूम स्थित 10 नंबर कमरे में घुसकर रवि के इलाज का रिकॉर्ड (बीएचटी) ढूंढने लगे। पुलिस ने उन्हें किसी तरह कमरे से निकाला।

पांच घंटे तक हंगामा चलता रहा और डाक्टरों को खरी खोटी सुनाई। सीएमएस डॉ. आलोक कुमार का कहना था कि रवि की हालत गंभीर थी, परिवार के आरोप निराधार हैं। कर्मचारी ने मांगे थे पांच सौ रुपये

पैसे मांगने का आरोप

मृतक कारोबारी के भाई राजीव जैन ने आरोप लगाया कि उनके भाई से हास्पिटल स्टाफ ने पांच सौ रुपये मांगे थे। सुबह भाई ने उनसे 500 रुपये भिजवाने को कहा था। घर वाले मृतक कारोबारी का मोबाइल अस्पताल प्रशासन से मांग रहे थे, जबकि मोबाइल नहीं मिल रहा था। इसे लेकर पांच बजे तक दोनों पक्षों के बीच बहस होती रही। मोबाइल कारोबारी के शव रखे किट में मिला। पांच घंटे तक शव वाहन में रखा रहा।


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