कैबिनेट मंत्री नंदी को नहीं मिली कोर्ट से राहत, इस मामले में हो सकती है सात साल की सजा
मालूम हो कि जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने शासन के निर्देश पर अभियोजन पक्ष से 6 दिसंबर 2018 को मुकदमा वापसी की अर्जी लगाई थी। कोर्ट ने इस पर कहा कि पीड़ित पक्षकार एक प्राइवेट बैंक का कर्मचारी है। आरोप पत्र में जो आरोप लगाए गए हैं, उनके साबित होने पर सात साल की सजा है।
प्रयागराज। योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस नहीं होगी। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार को मुकदमा वापसी की अर्जी खारिज कर दी है।
इस मामले की सुनवाई अब 21 सितंबर को होगी। उसी दिन आरोप भी तय होगा। कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री को 21 सितंबर को कोर्ट में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का आदेश दिया है। नंदी पर लोन अकाउंट एनपीए घोषित होने के बाद बैंक मैनेजर को धमकाने, गाली-गलौज करने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप है।
सात साल की हो सकती है सजा
मालूम हो कि जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने शासन के निर्देश पर अभियोजन पक्ष से 6 दिसंबर 2018 को मुकदमा वापसी की अर्जी लगाई थी। कोर्ट ने इस पर कहा कि पीड़ित पक्षकार एक प्राइवेट बैंक का कर्मचारी है।
आरोप पत्र में जो आरोप लगाए गए हैं, उनके साबित होने पर सात साल की सजा है। लिहाजा अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत किया गया मुकदमा वापसी का प्रार्थना पत्र निरस्त करने योग्य है। अदालत ने आरोप तय करने के लिए 21 सितंबर को नंदी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
लोन जमा न करने पर दर्ज हुआ था केस
मालूम हो कि नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने राम राइस मिल के नाम से लोन लिया था। लोन का रुपया अदा नही होने पर बैंक ने इस लोन अकाउंट को एनपीए घोषित कर दिया था। बैंक ने लोन का पूरा रुपया जमा करने को कहा था।
इस खाते में अगले दिन कुछ रुपए आरजीटीएस के माध्यम से आए, जिसे बैंक ने लोन अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। इसके बाद नंद गोपाल नंदी बैंक मैनेजर पर रुपए वापस देने का दबाव बनाने लगे।आरोप है कि नंदी अपने साथ कई लोगों को लेकर बैंक मैनेजर के दफ्तर में घुस गए और मैनेजर से उलझ गए।
मैनेजर को नौकरी से निकलवाने और जान से मारने की धमकी देने लगे। 24 सितंबर 2012 को शाखा प्रबंधक को फोन कर गाली देने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है।
इस मामले में नंदी के खिलाफ केनरा बैंक सिविल लाइन शाखा के प्रबंधक संजीव राय ने थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में पुलिस ने विवेचना के पश्चात अदालत में नंदी और उनके अकाउंटेंट भरत बाजपेई के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया था।
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