भारत में तेज़ी फैल रहा कैंसर, 2025 तक स्थिति और ज़्यादा होगी ख़तरनाक
कोरोना काल में भले ही लोगों के दिमाग से दूसरी बीमारियों का ख़्याल कम आ रहा लेकिन इसका ख़तरा लगातार आबादी पर बना हुआ है।
नई दिल्ली। इन दिनों भारत सहित पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी ख़तरनाक महामारी से जंग लड़ रही है। वहीं दूसरी ओर हमेशा से जानलेवा बीमारी कैंसर भी और ज़्यादा तेज़ी के साथ पांव पसार रही है। कोरोना काल में भले ही लोगों के दिमाग से दूसरी बीमारियों का ख़्याल कम आ रहा लेकिन इसका ख़तरा लगातार आबादी पर बना हुआ है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र ने कहा है कि इस साल भारत में कैंसर के मामले 13.9 लाख रहने का अनुमान है जो 2025 तक 15.7 लाख तक पहुंच सकते हैं।
आईसीएमआर ने कहा कि राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम रिपोर्ट, 2020 में दिया गया यह अनुमान 28 जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री से मिली सूचना पर आधारित है।
इसने कहा कि इसके अलावा 58 अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्री ने भी आंकड़ा दिया।
बयान के अनुसार तंबाकू जनित कैंसर के मामले 3.7 लाख रहने का अनुमान है जो 2020 के कैंसर के कुल मामले का 27.1 फीसद हेागा। बयान में कहा गया है। महिलाओं में छाती के कैंसर के मामले दो लाख (यानी 14.8 फीसद) , गर्भाशय के कैंसर के 0.75 लाख (यानी 5.4 फीसद) , महिलाओं और पुरूषों में आंत के कैंसर के 2.7 लाख मामले (यानी 19.7 फीसद) रहने का अनुमान है।