पुलिया की रेलिंग तोड़ नदी में गिरी कार, दो शव मिले, तीसरे की तलाश जारी

टीम भारत दीप |

शनिवार सुबह करीब 10 बजे तीनों कार से गुजरात के लिए चल दिए थे।
शनिवार सुबह करीब 10 बजे तीनों कार से गुजरात के लिए चल दिए थे।

बिहार के सिवार के रहने वाले अविनाश तिवारी छोटे भाई अनुराग और कानपुर की रहने वाली पत्नी प्रियंका के साथ गुजरात के लिए कानपुर से निकले थे, जिनकी कार उज्जैन की गंभीर नदी में गिर गई थी। हादसे में बाद अनुगराग और प्रियंका के शव तो कार से बरामद हो गए ।

उज्जैन। बिहार के सिवार के रहने वाले अविनाश तिवारी छोटे भाई अनुराग और कानपुर की रहने वाली पत्नी प्रियंका के साथ गुजरात के लिए कानपुर से निकले थे, जिनकी कार उज्जैन की गंभीर नदी में गिर गई थी।

हादसे में बाद अनुगराग और प्रियंका के शव तो कार से बरामद हो गए लेकिन, अविनाश तिवारी शव 24 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा  सका। अविनाश को खोजन के लिए इंदौर से गोताखोरों का एक दल सोमवार को उज्जैन पहुंचा। गोताखोरों का दल अविनाश की तलाश में जुटा है। 

रेलिंग तोड़ते हुए कार नदी में गिरी

बिहार के सीवान जिले के सिरसिया गांव निवासी अविनाश तिवारी अपनी पत्नी प्रियंका और छोटे भाई अनुराग के साथ बड़ोदरा गुजरात में रहने वाले बड़े भाई अभय तिवारी से मिलने के लिए कार से निकले थे।

कानपुर स्थित ससुराल में दो दिन बिताने के बाद शनिवार सुबह करीब 10 बजे तीनों कार से गुजरात के लिए चल दिए थे। कार को बारी-बारी से दोनों भाई चला रहे थे। शनिवार की रात करीब 10.30 बजे अभय की अविनाश से बात हुई। उसने बताया कि वह उज्जैन के करीब है।

अभय ने कहा कि रात हो गई है। उज्जैन में ही रात बिताकर सुबह बाबा महाकाल के दर्शन करके निकलना। उसके बाद दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई। रविवार सुबह पांच बजे जब अभय ने अविनाश को फोन लगाया तो उसका फोन बंद था। अभय ने प्रियंका और अनुराग को फोन लगाया लेकिन बात नहीं हो सकी।

तीनों के फोन एक साथ बंद होने से अभय ने किसी अनहोनी की आशंका से परेशान अपने साले उड़ीसा में कटक डीआईजी अमित कुमार सिन्हा को फोन पर जानकारी दी। उन्होंने इंदौर में डीआईजी रहे संतोष कुमार सिंह को बताया। पुलिस को तीनों की आखिरी मोबाइल फोन लोकेशन उज्जैन के गंभीर नदी के आसपास मिली।

गंभीर नदी में किसी गाड़ी के गिरने की खबर पर उज्जैन एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल मौके पर गए थे। वहीं पर डीआईजी संतोष सिंह का फोन एसपी शुक्ल के पास आया।

संतोष सिंह ने बताया कि तीनों हुंडई की कार से निकले थे। नदी के पुल पर हुंडई कार के कुछ टूटे हुए टुकड़े मिलने से यह आशंका हुई कि जिनके बारे में डीआईजी संतोष सिंह बता रहे हैं, कही उनकी कार तो नदी में नहीं गिरी है।

उसके बाद एसपी ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया। गोताखोर उतारे गए। कार का पता लगाने के लिए क्रेन मंगवाई गई। रविवार सुबह 10 बजे तलाशी अभियान शुरू हुआ। दोपहर करीब सवा एक बजे कार को पानी से निकाला गया। कार में प्रियंका और अनुराग के शव मिले। अविनाश लापता था।

 प्रियंका के पैरेंट्स कानपुर से उज्जैन पहुंचे

बेटी दामाद की कार दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिलने के बाद कानुपर निवासी प्रियंका के पिता रात करीब डेढ़ बजे उज्जैन पहुंचे। वह सीधे पुलिस आफिसर्स मेस में ठहरे अभय से मिले। कानपुर से निकलने के बाद से ही लगातार वह अभय के संपर्क में थे।

अभय ने उन्हें बेटी प्रियंका और अनुराग की मौत होने और दामाद अविनाश के बारे में कुछ नहीं बताया था। रास्ते से जब भी फोन करते अभय यही बताता कि तीनों आईसीयू में हैं। उनकी हालत क्रिटिकल है। कुछ कहा नहीं जा सकता है। उज्जैन पहुंचने के बाद भी उन्हें यही बताया गया कि तीनों का इलाज चल रहा है।

चुंबक से कार का पता चला रू गोताखोर लियाकत ने चुंबक लेकर नदी में गोता लगाया। इसके बाद कार नदी में किस जगह गिरी हैए इसका पता लगा। अभियान चलाकर कार को निकाला गया। वाहन करीब 35 फीट गहरी नदी में पड़ा हुआ था।

27 नवंबर को हुई थी शादी कानपुर से बड़ौदरा जा रहे थे

आइजी राकेश गुप्ता ने बताया कि उनके पास ग्वालियर से आइजी संतोष कुमारसिंह का फोन आया था। ओडिशा कैडर के एक आइपीएस अधिकारी मृतकों के परिचित थे। आइजी संतोष कुमार सिंह का कहना था कि रात से ही सभी के मोबाइल फोन बंद बताए जा रहे थे।


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