सावधान! बिक्री रिटर्न में मिली खामी तो होगी ये कार्रवाई
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अब यदि बिक्री रिटर्न में कोई बड़ी खामी पाई जाएगी तो ऐसे करदाताओं का जीएसटी पंजीयन निलंबित कर दिया जाएगा। दरअसल कर चोरी पर लगाम लगाने और राजस्व बचाने के मकसद से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
नई दिल्ली। करदाताओं के लिए यह बड़़ी खबर है। अब यदि बिक्री रिटर्न में कोई बड़ी खामी पाई जाएगी तो ऐसे करदाताओं का जीएसटी पंजीयन निलंबित कर दिया जाएगा। दरअसल कर चोरी पर लगाम लगाने और राजस्व बचाने के मकसद से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
इसके तहत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों को अब यह अधिकार दिया गया है कि वह ऐसे करदाताओं का जीएसटी पंजीयन तत्काल निलंबित कर सकते हैं, जिनके बिक्री रिटर्न यानी जीएसटीआर-1 फॉर्म और उनके आपूर्तिकर्ता द्वारा दायर रिटर्न में बड़ा फासला होगा।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इस बारे में मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। बताया गया कि एसओपी के अनुसार, जीएसटी अधिनियम का उल्लंघन का संकेत देने वाली खामियां पाई जाने की स्थिति में अधिकारी तत्काल करदाता का पंजीयन रद्द कर सकते हैं।
करदाताओं को इस बारे में उनके पंजीकृत ईमेल आईडी पर सूचित किया जा सकता है। एसओपी में बताया गया कि जिन मामलों में पंजीकृत व्यक्ति के द्वारा दायर रिटर्न और जीएसटीआर-1 में आपूर्ति की जानकारियों अथवा उनके आपूर्तिकर्ताओं के रिटर्न में दायर जानकारियों में बड़ा अंतर पाया जाता है, तो इन मामलों में पंजीयन रद्द किया जा सकता है।
बताया गया कि ‘‘जब तक पोर्टल पर फॉर्म पंजीयन-31 का समय पर सुचारू तरीके से काम उपलब्ध नहीं हो जाता है, तब तक करदाताओं को जीएसटी पंजीयन फॉर्म-17 में इस बारे में सूचित किया जा सकता है। बताया गया कि करदाता लॉगइन करने के बाद ‘नोटिस व आदेश देखें’ टैब में इस बारे में नोटिस देख सकेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि कर चोरी रोकने के लिए जीएसटी अधिकारी पहले ही अपने प्रयासों को तेज कर चुके हैं। बताया गया कि जीएसटी संग्रह पिछले चार महीनों के दौरान लगातार एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है। वहीं जनवरी में जीएसटी संग्रह करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहा है। अब ऐसे में माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया से कर चोरी में लगाम लगेगी और राजस्व में भी वृद्धि होगी।