गजबः दिवंगत इंस्पेक्टर की असली पत्नी कौन है, पता लगाएगी सीबीसीआईडी

टीम भारत दीप |

कई पुलिस कर्मियों के मामले उनके जीते जी खुल जाते है कई के उनके मरने के बाद पता चलता है कि इनके पास दो पत्नी थी।
कई पुलिस कर्मियों के मामले उनके जीते जी खुल जाते है कई के उनके मरने के बाद पता चलता है कि इनके पास दो पत्नी थी।

आगरा में तैनात रहे एक इंस्पेक्टर की असली पत्नी की खोज सीबीसीआईडी करेगी। क्योंकि इंस्पेक्टर रिटायरमेंट के बाद वह प्राइवेट नौकरी करने लगे थे । सैलरी से घर का खर्चा चलता था। एकाएक उनकी मौत हो गई। बाद में पत्नी ने पेंशन के लिए आवेदन किया तो हैरान रह गई। पता चला कि पेंशन किसी दूसरी महिला को पहले ही स्वीकृत हो चुकी है।

आगरा। समय- समय पर पुलिस वालों के रंगीन मिजाज सामने आते रहते है। कई बार एक साथ घर वाली और बाहर वाली की कहली थाने तक पहुंचजी रहती है।

अब एक अजीब मामला सामने आया है। दरअसल आगरा में तैनात रहे एक इंस्पेक्टर की असली पत्नी की खोज सीबीसीआईडी करेगी। क्योंकि इंस्पेक्टर रिटायरमेंट के बाद वह प्राइवेट नौकरी करने लगे थे ।

सैलरी से घर का खर्चा चलता था। एकाएक उनकी मौत हो गई। बाद में पत्नी ने पेंशन के लिए आवेदन किया तो हैरान रह गई।

पता चला कि पेंशन किसी दूसरी महिला को पहले ही स्वीकृत हो चुकी है। दिवंगत इंस्पेक्टर की असली पत्नी कौन है। सीबीसीआईडी को यह पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे एक नहीं कई मामले है, जिनकी जांच पुलिस  कर रही है।

पुलिस कर्मियों की घरवाली और बाहरवाली की रार के मामले आए दिन अधिकारियों के सामने आते हैं। कई ऐसे हैं । कई पुलिस कर्मियों के मामले उनके जीते जी खुल जाते है कई के उनके मरने के बाद पता चलता है कि इनके पास दो पत्नी थी।

 एक अन्य मामले में युवक एडीजी अजय आनंद के समक्ष पेश हुआ। बताया कि पिता पुलिस विभाग में थे। मौत हो गई। पिता ने दो शादियां की थीं। दूसरी पत्नी ने पेंशन में रोड़ा अटका दिया। पंचायत हुई। पंचायत में तय हुआ कि पेंशन दूसरी पत्नी लेगी।

पहली पत्नी के बेटे को नौकरी मिलेगी। पेंशन स्वीकृत हो गई। सौतेली मां ले रही है। मृतक आश्रित में उसकी नौकरी नहीं लग पा रही है। दूसरी पत्नी लिखकर देने को तैयार नहीं है। पिछले दिनों एसएसपी बबलू कुमार के समक्ष भी ऐसे दो मामले आए।

जिनमें महिला ने पति की सर्विस बुक दिखाने की मांग की। वह यह देखना चाहती थी कि पत्नी ने अपनी सर्विस बुक में नॉमिनी किसे बनाया है। ऐसा ही एक मामला दो दिन पहले आया। महिला ने मृतक आश्रित में नौकरी के लिए आवेदन किया है।

पति की मौत हो चुकी है। सास.ससुर की आनापत्ति भी चाहिए। महिला से कहा गया है कि वह उन्हें भी बुलाकर लेकर आए। सास.ससुर आने को तैयार नहीं हैं। वे कहते हैं कि बहू तो उनके साथ रहती है। यह तो बेटे की बाहर वाली है।

ट्रांसफर प्रार्थना पत्र ने खोली पोल 

इसी तरह एक महिला ने अपने पति के स्थानांतरण के लिए एडीजी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र में जिक्र किया कि पति की तबियत ठीक नहीं रहती है। बेहतर इलाज कराना है। महिला एडीजी अजय आनंद के समक्ष पेश हुई। उन्हें बताया कि प्रार्थना पत्र में वजह गलत लिखी है।

पति ने किसी दूसरी महिला के साथ रहना शुरू कर दिया है। यह जानकारी मिली है। इसलिए उनका स्थानांतरण कराना चाहती है। दिवंगत इंस्पेक्टर की पत्नी के बारे में सीबीसीआईडी जांच कर रही है। रिटायर इंस्पेक्टर की सर्विस बुक निकलवाई गई है।

उसमें पत्नी के रूप में जिसका नाम दर्ज होगा नौकरी की असली हकदार वही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कई बार पुलिस कर्मी सर्विस बुक में अपनी पत्नी का नाम नहीं लिखाते हैं। ऐसे मामले में उनके साथ कोई दुर्घटना घट जाए तो नौकरी और पेंशन का असली हकदार कौन है यह तय करने में बहुत दिक्क्त आती है।

मृतक आश्रित में नौकरी के लिए आवेदन मात्र से ही नौकरी नहीं मिल जाती है। दिवंगत पुलिस कर्मी के माता-पिता, पत्नी और बच्चों को एसएसपी के समक्ष पेश होना पड़ता है। 


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