गोरखपुर में सीबीआई का छापा, पीएनबी में डमी अकाउंट खोलकर 5 करोड़ का किया गया गबन
लखनऊ से आए अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को भी कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों से भी सम्पर्क किया था। लेकिन गुरुवार को वे विकास भवन ही पहुंच गए। बैंक के अलावा सीबीआई के दो अधिकारियों ने गुरुवार को समाज कल्याण विभाग, डीपीआरओ कार्यालय समेत कुछ अन्य विभाग में पूछताछ के साथ दस्तावेज भी एकत्र किए।
गोरखपुर। मुख्यमंत्री के गृह जनपद में सीबीआई कार्रवाई के लिए पहुंची हुई है। ।गुरुवार को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच लखनऊ की टीम ने विकास भवन स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में छापेमारी की।
छापेमारी से विकास भवन में दिन भर हड़कंप मचा रहा सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने बैंक समेत समाज कल्याण विभाग समेत कुछ अन्य विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों से पूछताछ की। कुछ जरुरी दस्तावेज भी लिए।सीबीआई के अधिकारी पूरे दिन दस्तावेजों की पड़ताल करते रहे वहीं, इस घोटाले से जुड़े लोगों के प्राण सूखे हुए है।
कई विभाग सीबीआई के लपेटे में
लखनऊ से आए अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को भी कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों से भी सम्पर्क किया था। लेकिन गुरुवार को वे विकास भवन ही पहुंच गए। बैंक के अलावा सीबीआई के दो अधिकारियों ने गुरुवार को समाज कल्याण विभाग, डीपीआरओ कार्यालय समेत कुछ अन्य विभाग में पूछताछ के साथ दस्तावेज भी एकत्र किए।
समाज कल्याण विभाग से अधिकारियों की मांग पर 2012 से 2015 के बीच छात्रवृत्ति पाने वाले लाभार्थियों की सूची की मांग की गई लेकिन विभागीय अधिकारियों ने लखनऊ से उपलब्ध होने की बात कहीं। फिलहाल टीम अभी गोरखपुर में डेरा डाले हुए है। आपकों बता दे कि टीम कई विभागों को टारगेट करके गोरखपुर में डेरा डाले हुए है।
गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टीम शुक्रवार को लखनऊ वापस जा सकती हे। घोटाले की रकम पांच करोड़ होने का आकलन किया जा रहा लेकिन बताया जा रहा है कि यह रकम और बढ़ सकती है। सीबीआई ने इस मामले में अप्रैल 2017 में पूर्व ब्रांच मैनेजर एसएन चौबे समेत बैंक के 5 अधिकारियों -कर्मचारियों के साथ अज्ञात पर एफआईआर दर्ज किया है।
इस मामले में इससे पहले भी कई बार सीबीआई बैंक समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों को लखनऊ में बुला कर घंटों पूछताछ कर चुकी है। 2019 में 23 और 24 सितंबर को भी समाज कल्याण विभाग के दो कर्मचारियों से पूछताछ की जा चुकी है। घोटाले के बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ ही जिले के कुछ अन्य विभागों के भी पूर्व व वर्तमान अधिकारी-कर्मचारी रडार पर हैं।
15 डमी अकाउंट खोल किया गबन
पूर्व प्रबंधक एसएन चौबे ने बैंक के अपने अधिकारियों-कर्मचारियों के सहयोग से वर्ष 2012 से 2015 के बीच विभिन्न सरकारी योजनाओं के 15 डमी अकाउंट खोलकर करीब 5 करोड़ रुपये निकाल लिए। इन योजनाओं में महामाया आर्थिक मदद, रानी लक्ष्मी बाई योजना, विकलांग पेंशन, छात्रवृत्ति, वृद्धा-विधवा पेंशन सरीखी योजनाएं शामिल थीं।
ब्रांच मैनेजर श्यामा नंद चौबे, लोन इंचार्ज प्रदीप कुमार जायसवाल, लोन इंचार्ज ओम प्रकाश मल्ल, हेड कैशियर राजेंद्र कुमार, चपरासी अरविंद कुमार समेत कई अन्य अज्ञात। इस विषय में पीएनबी बैंक विकास भवन ब्रांच के प्रबंधक मैनेजर सिंह ने कहा कि सीबीआई टीम जांच के संदर्भ में आई थी। कुछ मामलों में पूछताछ की है। जो भी जानकारी मांगी जा रही है, उन्हें बैंक की ओर से दी जा रही है। हम पूछताछ में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
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