लखनऊ विश्वविद्यालय का शताब्दी समारोह: नई शिक्षा नीति लागू करने में यूपी आगे-योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय देश के ऐसे चुनिंदा विश्वविद्यालयों में है जिन्होंने 100 वर्ष की यात्रा पूरी की। हम गर्व से कह सकते हैं कि इस सफर में लखनऊ विश्वविद्यालय ने देश को राष्ट्रपति से लेकर राष्ट्र को मजबूत करने वाले राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और वैज्ञानिक तक दिए हैं।
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के उद्घाटन अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को कहा कि शैक्षणिक संस्थानों पर सरकार का हमेशा जोर रहा है। लगातार संस्थान शुरू भी किए जा रहे हैं। लेकिन यह संस्थान जन सरोकार से दूर हो रहे हैं।
इस दरम्यिान उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों को स्थानीय समाज और लोगों से जुड़ने की भी नसीहत दी। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह शिक्षण संस्थान नई तकनीकी और शैक्षणिक प्रणाली का इस्तेमाल करके स्थानीय समस्याओं को दूर करने पर जोर दें।
शोध के माध्यम से स्थानीय भाषा, संस्कृति, ज्ञान को समुचित सम्मान दिया जा सके। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय देश के ऐसे चुनिंदा विश्वविद्यालयों में है जिन्होंने 100 वर्ष की यात्रा पूरी की। हम गर्व से कह सकते हैं कि इस सफर में लखनऊ विश्वविद्यालय ने देश को राष्ट्रपति से लेकर राष्ट्र को मजबूत करने वाले राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और वैज्ञानिक तक दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि नई शिक्षा नीति को 2022 तक देश में पूरी तरह से लागू किया जाना है।
अच्छी बात यह है कि उत्तर प्रदेश इसमें काफी आगे हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को मिलने वाले सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिकता से जुड़ना बेहद जरूरी है। उन्होंने युवाओं को सरकार की योजनाओं के प्रति जागरूक किए जाने और उनका लाभ हर युवा तक पहुंचाने पर जोर दिया।
बता दें, लखनऊ विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। इस मौके पर गुरुवार से शताब्दी वर्ष समारोह की शुरुआत की गई है। विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित इस उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि षिरकत कर रहे थे। उनके साथ उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के अलावा काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।