केन्द्र के इन महकमों के रिटायर अधिकारी अब नहीं कर सकेंगे जानकारी सार्वजनिक, रूक सकती है पेंशन
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देश की सुरक्षा, कूटनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दे पर जुड़ी कोई सूचना भी सार्वजनिक करने से पहले मंजूरी लेनी होगी। बताया गया कि दूसरे देशों के साथ संबंधों से जुड़ी कोई सूचना भी इसके दायरे में होगी। बताया गया कि विभाग के मुखिया ही ये तय करेंगे कि जो सूचना सार्वजनिक करने के लिए मंजूरी मांगी जा रही है, वो संवेदनशील है या नहीं।
नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत सरकार ने स्पष्ट कहा है कि खुफिया एजेंसियों या सुरक्षा से जुड़े महकमों के रिटायर्ड अधिकारी अपने विभाग या किसी अन्य अधिकारी से जुड़ी बातों को सार्वजनिक नहीं कर सकेंगे। बताया गया कि इसके पहले उन्हें अपने विभाग, उसके अध्यक्ष की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा।
वहीं कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने 31 मई को ये आदेश जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुफिया विभाग या सुरक्षा से जुड़ा अधिकारी रिटायर होने के बाद अपने विभाग, विभाग के किसी अधिकारी, उसके पद के बारे में कोई भी बात तब तक सार्वजनिक नहीं कर सकेंगे, जब तक वो महकमे से या उसके मुखिया से इजाजत न ले लें।
बताया गया कि इन जानकारियों में विभाग में काम करने के दौरान हुआ अनुभव भी शामिल रहेगा। बताया गया कि ऐसी कोई संवेदनशील सूचना जिससे देश की सुरक्षा और संप्रभुता पर खतरा पैदा होता है। वहीं देश की सुरक्षा, कूटनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों से जुड़े मुद्दे पर जुड़ी कोई सूचना भी सार्वजनिक करने से पहले मंजूरी लेनी होगी।
बताया गया कि दूसरे देशों के साथ संबंधों से जुड़ी कोई सूचना भी इसके दायरे में होगी। बताया गया कि विभाग के मुखिया ही ये तय करेंगे कि जो सूचना सार्वजनिक करने के लिए मंजूरी मांगी जा रही है, वो संवेदनशील है या नहीं। बताया गया कि यह भी देखा जाएगा कि ये सूचना विभाग के दायरे में आती है या नहीं।
बताया गया कि मंत्रालयों ने इस नए आदेश के साथ ही पेंशन के लिए भी एक मसौदा तैयार किया है। जिसके मुताबिक अधिकारी को रिटायर होते समय एक शपथपत्र पर दस्तखत करने पड़ेंगे।
बताया गया कि अधिकारी को इस बात पर हामी भरनी होगी कि वो सर्विस में रहते हुए या रिटायर होते समय संस्थान या अनुभव से जुड़ी कोई जानकारी तब तक प्रकाशित नहीं करेगा, जब तक विभाग का मुखिया इसकी इजाजत न दे दे। बताया गया कि यदि वह ऐसा नहीं किया तो उसकी पेंशन आंशिक या पूरी तरह से रोकी जा सकती है।