सरकार ने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाया, जानिएं उनकी उपलब्धियां
शक्तिकांत दास ने 10 दिसंबर 2018 को रिजर्व बैंक के गवर्नर का पदभार संभाला था। शक्तिकांत दास पूर्व वित्त सचिव और वित्त आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं । 2018 में वो उर्जित पटेल की जगह ली थी। उर्जित पटेल सितंबर 2016 में RBI के 24वें गवर्नर नियुक्त हुए थे।
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने आरबीआई गवर्नर शक्तिदास का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया है।मौजूदा गवर्नर शक्तिदास अब 10 दिसंबर 2024 तक इस पद पर बने रहेंगे। मालूम हो कि 10 दिसंबर 2018 को शक्तिकांत दास 25वें गवर्नर नियुक्त किया गया था।
10 दिसंबर 2021 को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था,उससे पहले कैबिनेट नियुक्ति समिति ने शक्तिकांत दास को अगले तीन साल की अवधि के लिए फिर से आरबीआई के गवर्नर बने रहने पर मुहर लगा दी है।
उर्जित पटेल का लिया था स्थान
शक्तिकांत दास ने 10 दिसंबर 2018 को रिजर्व बैंक के गवर्नर का पदभार संभाला था। शक्तिकांत दास पूर्व वित्त सचिव और वित्त आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं । 2018 में वो उर्जित पटेल की जगह ली थी। उर्जित पटेल सितंबर 2016 में RBI के 24वें गवर्नर नियुक्त हुए थे, लेकिन अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही निजी कारणों का हवाला देते हुए आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था।
26 फरवरी 1957 को जन्मे शक्तिकांत दास इतिहास विषय में एमए पासआउट हैं और तमिलनाडु कैडर के आईएस अधिकारी हैं। वह वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स में जॉइंट सेक्रेटरी बजट, तमिलनाडु सरकार के राजस्व विभाग में कमिश्नर और स्पेशल कमिश्नर, तमिलनाडु के इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट में सेक्रेटरी और अन्य विभिन्न पदों पर रह चुके हैं।
मोदी सरकार का किया था बचाव
आपकों बता दें कि जब मोदी सरकार ने नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा की थी तो उस समय शक्तिकांत दास आर्थिक मामलों के सचिव थे। दास ने नोटबंदी के झटके के दौरान सरकार का बचाव किया। वित्त मंत्रालय में वे पहली बार 2008 में संयुक्त सचिव बने जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे।
फिर शक्तिकांत दास को दिसंबर 2013 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में सचिव बनाया गया, लेकिन मई 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्हें वापस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बना दिया गया। दास ने जीएसटी को लागू करने में भी अहम भूमिका निभाई।
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