लोजपा में टूट का दावा करने वाले नेता को चिराग ने लगाया किनारे
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान में बड़े—बड़े बयान देने वाले लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान चुनाव के बाद से एक दम शांत हो गए। अब पार्टी में उनके खिलाफ बगावत के सुर फूटने लगे है। इस विद्रोह को दबाने के लिए पासवान पिछले दिनों समीक्षा बैठक कर संपूर्ण संगठन को भंगकर फिर से पार्टी इकाई तैयार करने का ऐलान किया।
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान में बड़े-बड़े बयान देने वाले लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान चुनाव के बाद से एक दम शांत हो गए। अब पार्टी में उनके खिलाफ बगावत के सुर फूटने लगे है।
इस विद्रोह को दबाने के लिए पासवान पिछले दिनों समीक्षा बैठक कर संपूर्ण संगठन को भंगकर फिर से पार्टी इकाई तैयार करने का ऐलान किया।वहीं प्रमुख चिराग पासवान जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में टूट होने का दावा करने वाले पूर्व प्रदेश महासचिव केशव सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
केशव सिंह ने अपने फेसबुक अकॉउंट पर दावा किया था कि जनवरी में लोजपा के चार सांसद अलग पार्टी बनाएंगे, जिसका नाम लोजपा (रामविलास पासवान गुट) होगा। उन्होंने लोजपा के 30 जिलाध्यक्ष और केंद्रीय व प्रदेश कमेटी के कई नेताओं के लोजपा के नये गुट में शामिल होने का भी दावा किया था।
इतना ही नहीं केशव ने कहा है कि अगर वो मुंह खोलेंगे तो कई चेहरे बेउर जेल में नजर आएंगे।इस तरह की आवाज उठने से पहले यह कार्रवाई की गई। लोजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी कृष्णा सिंह कल्लू ने बताया कि ल चिराग पासवान के निर्देशानुसार लोजपा प्रदेश के अध्यक्ष प्रिंस राज ने पार्टी विरोधी कार्य में संलिप्त होने तथा अनुशासनहीनता के कारण लोजपा के पूर्व प्रदेश महासचिव केशव सिंह को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि लोजपा में टूट का दावा निराधार है। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। पूरे चुनाव तक नीतीश कुमार का विरोध करने वाले चिराग केवल बेगूसराय में एक सीट पर ही लोजपा को जिता पाए थे।