चित्रकूट कांड: सरल स्वभाव वाला जेई निकला हैवान, कॉलोनी के लोग पीट रहे सिर

टीम भारत दीप |

जेई के घर बच्चे मोबाइल चलाने जाते थे, बच्चों को बहाकर करता था हैवानियत।
जेई के घर बच्चे मोबाइल चलाने जाते थे, बच्चों को बहाकर करता था हैवानियत।

आरोपित के पास कोई संतान नहीं थी, वह बच्चों के लिए अलग—अलग मोबाइल रखता था। इसलिए बच्चे उसके घर मोबाइल चलाने जाते थे।आसपास के लोग सोचते थे कि जेई पास संतान नहीं है इसलिए दूसरे के बच्चों से लगाव रखता था। जेई के घर के आसपास रहने वाले बच्चों ने इसकी पुष्टि की है।

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश में बाल यौन शोषण का मुख्य आरोपी जेई रामभवन पोर्नोग्राफी के धंधे में काफी गहरे तक जड़े जमाए हुआ था।

मालूम हो कि आरोपित के पास कोई संतान नहीं थी, वह बच्चों के लिए अलग-अलग मोबाइल रखता था। इसलिए बच्चे उसके घर मोबाइल चलाने जाते थे।आसपास के लोग सोचते थे कि जेई पास संतान नहीं है इसलिए दूसरे के बच्चों से लगाव रखता था।

जेई के घर के आसपास रहने वाले बच्चों ने इसकी पुष्टि की है। एक बच्चे ने कहा कि मैं अक्सर जेई के घर जाकर थोड़ी देर यू-ट्यूब चलाता था। माना जा रहा है कि बच्चों को जाल में फंसाने के लिए जेई मोबाइल फोन का सहारा लेता रहा है।

जानकारी के अनुसार सीबीआई को उसके पास मौजूद मोबाइल, पेन ड्राइव और लैपटॉप से 66 चाइल्ड पोर्न वीडियो और 600 फोटो मिले हैं। यह 50 बच्चों के हैं, जिनकी उम्र 5 से 16 साल के बीच की है। 

कर्वी, चित्रकूट के सिंचाई विभाग में तैनात जेई रामभवन को 50 बच्चों के यौन शोषण में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। एसडीएम आवास के निकट कॉलोनी में किराए के घर में रहता था। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि वह कई मोबाइल रखता था।

सीबीआई ने उससे आठ फोन बरामद किए हैं। बुधवार को मोहल्ले के एक बच्चे ने बताया कि वह जेई के कमरे में अक्सर जाता था। जेई अच्छा आदमी है। उसे खेलने को अपना फोन देता था।

वह एक घंटे फोन में यूट्यूब चलाता था। गेम भी खेलता था। इसके बाद अपने घर चला आता था। बच्चे ने यह भी कहा कि खेलने वाला फोन जेई का पर्सनल फोन नहीं था। वह बच्चों के लिए अलग मोबाइल रखता था।

जेई रामभवन की करतूतें उसकी सरलता के अभिनय के पीछे छिपी थीं। उसके घर-दफ्तर में लोगों से बात करने पर हर किसी ने कहा कि कभी उसके बारे में ऐसी कोई सूचना नहीं मिली। कभी संदेह तक नहीं हुआ।

वह इतनी विनम्रता के साथ लोगों से मिलता था कि ऐसे घिनौने कृत्य के बारे में सोचा ही नहीं जा सकता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद कार्यालय व आवासीय कालोनी में सन्नाटा छाया हुआ है।

कर्मचारी इस मामले को लेकर आपस में कानाफूसी कर रहे हैं, लेकिन किसी बाहरी से इस संबंध में कोई चर्चा करने से कतरा रहे है। सीबीआई के सामने पेश होने वाले जिम्मेदार अधिकारी भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। बस लोग जेई की करतूतों को सुन सिर पीट रहे है। 


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