व्यापारी के परिजनों का दावा हत्या के बाद एक करोड़ का माल ले गए लुटेरे
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हरीपर्वत के फ्रीगंज में तिरंगा अपार्टमेंट के प्रथम तल पर रहने वाले (67 वर्षीय) आढ़त व्यापारी किशन गोपाल अग्रवाल 11 अप्रैल की आधी रात को हत्या कर दी गई थी। उनका शव अगले दिन घर में मिला था। तिजोरी और अलमारी में रखे जेवरात और नकदी हत्यारे लूटकर ले गए थे।
आगरा। आगरा के हरीपर्वत के तिरंगा अपार्टमेंट में गत दिवस हुई व्यापारी की हत्या करके लूटपाट में एक करोड़ रुपये ले जाने की बात सामने आई है। इस लूट का दावा मृतक के परिवार के सदस्य और करीबी कर रहे हैं।
परिवार के लोगों का कहना है कि व्यापारी ने सात साल पहले कमला नगर में अपनी कोठी बेची थी। उससे 40 लाख रुपये मिले थे। कैश में लूटी गई रकम 60 लाख से ज्यादा होने का दावा है। इस दांवे की सत्यता हत्यारों के पुलिस के हाथ आने के बाद ही लगेगी।
11 अप्रैल को हुई थी हत्या
मालूम हो कि हरीपर्वत के फ्रीगंज में तिरंगा अपार्टमेंट के प्रथम तल पर रहने वाले (67 वर्षीय) आढ़त व्यापारी किशन गोपाल अग्रवाल 11 अप्रैल की आधी रात को हत्या कर दी गई थी।
उनका शव अगले दिन घर में मिला था। तिजोरी और अलमारी में रखे जेवरात और नकदी हत्यारे लूटकर ले गए थे।अपार्टमेंट के गार्ड के मुताबिक महिला समेत चार लोग 11 अप्रैल की रात को करीब 11 बजे बिना नंबर की कार में आए थे।
लूटेरो ने चौकीदार से खुद को किशन गोपाल काे अपना रिश्तेदार बताकर अपार्टमेंट का गेट खुलवाया था। रात करीब दो बजे महिला और तीनों युवक अस्पताल में भर्ती रिश्तेदार की मौत होने की कहकर चले गए थे।
40 लाख की बेची थी कोठी
मृतक व्यापारी किशन गोपाल अग्रवाल के परिवार और नजदीकी लोगों के अनुसार व्यापारी ने सात पहले कमला नगर के तेज नगर में अपनी 40 लाख रुपये की कोठी बेची थी।
यह सारी रकम उनके पास ही थी। इसके अलावा किशन गोपाल की मां की रकम और उनके पुश्तैनी सोने के जेवरात जो करीब एक किलोग्राम थे। वह भी मां बड़ा बेटा होने के नाते किशन गोपाल को देकर गई थीं।
इसके अलावा किशन गोपाल की खुद की पूंजी भी थी। वह अपना सारा रुपया घर पर ही रखते थे। घर वालों ने ने उन्हें कई बार रकम बैंक में जमा करने की कहा था, लेकिन वह घर में ही रखते थे। परिवार वालों के मुताबिक लूट में गए नकदी और गहने एक करोड़ के है।
किसी करीबी है पर साजिश का शक
पुलिस को आशंका है कि व्यापारी के पास इतनी नकदी और जेवरात होने का पता रिश्तेदार बनकर आए लोगों को पहले से था। इसीलिए वह उनकी लगातार रेकी कर रहे थे।
लूट के बाद हत्या इसलिए की गई,क्योंकि व्यापारी उन्हें जानता था। उन्हें डर रहा होगा कि व्यापारी को लूटपाट के बाद जीवित छोड़कर जाने पर वह पुलिस को उनका नाम बता सकते हैं।
इससे वह पकड़े जाएंगे। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि हत्या और लूटपाट के मामले में शक के दायरे में आए लोगों से पूछताछ की जा रही है।