सीएम ने दिया निर्देश- 14 दिनों में हर लाभार्थी परिवार में एक गोल्डन कार्ड बनवाना करें सुनिश्चित
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने जिले के सभी चिकित्सा अधीक्षकों एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी परिवार के कम से कम एक सदस्य का गोल्डेन कार्ड बनवाना सुनिश्चित कराएं।
गोरखपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने जिले के सभी चिकित्सा अधीक्षकों एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी परिवार के कम से कम एक सदस्य का गोल्डेन कार्ड बनवाना सुनिश्चित कराएं। इस संबंध में उन्होंने आयुष्मान भारत योजना से जुड़े सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
बता दें कि उन्होंने 31 दिसम्बर तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि मात्र 30 रुपये प्रति कार्ड का भुगतान कर किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर से लाभार्थी गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता प्रत्येक लाभार्थी परिवार को कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करेंगी।
इस कार्य के लिए आशा कार्यकर्ता को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता द्वारा किसी भी परिवार में एक कार्ड बनवाने पर उन्हें पांच रुपये की प्रोत्साहन राशि और एक से अधिक कार्ड बनवाने पर 10 रुपये प्रति परिवार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय और उनकी टीम वीएलई को प्रोत्साहित कर चिन्हित स्थानों पर इसके लिए शिविर का आयोजन भी करवा रही हैं। आपको बता दें कि गोल्डन कार्ड सूचीबद्ध अस्पतालों में कार्यरत आरोग्यमित्रों द्वारा भी बनवाया जा सकता है।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अमित मोहन प्रसाद ने बीते नौ दिसम्बर को पत्र भेज कर विस्तृत दिशा-निर्देश भी दिये हैं। उनके दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अभियान के तौर पर योजना का गोल्डेन कार्ड बनवाना है।
बता दें कि एक साल में आयुष्मान योजना के अंतर्गत किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में पांच लाख रुपये तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलती है। इसके साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संबंधित वर्ष में योजना की सुविधा न लेने पर नये वर्ष में यह रकम जुड़ती नहीं है, बल्कि लैप्स कर जाती है।
इसके साथ ही अगले वर्ष पुनः पांच लाख तक के इलाज की सुविधा मिलती है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत मरीज को भर्ती कर इलाज किये जाने पर ही निःशुल्क सुविधा मिलती है। भर्ती किये जाने से पूर्व मरीज को खुद भुगतान करना पड़ता है।
नोडल अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि सभी लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड अवश्य बनवा लेना चाहिए। इससे संबद्ध अस्पताल में कार्ड वेरीफाई कर कम समय में इलाज शुरू हो जाता है। जिन लोगों के पास गोल्डेन कार्ड नहीं होता उन्हें संबंधित अस्पताल में जाने पर पहले उनका गोल्डेन कार्ड जेनरेट किया जाता है और फिर उनका निःशुल्क इलाज शुरू हो पाता है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संबंधित आकस्मिकता में समय का विशेष महत्व है, इसलिए कार्ड का पहले से होना नितांत आवश्यक है।