सीएम सोशल मीडिया सेल मेंबर सुसाइड केस: पार्थ की सुसाइड के 4 दिन बाद मुकदमा दर्ज
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पार्थ श्रीवास्तव के सुसाइड मामले में आखिरकार 4 दिन बाद पुलिस ने पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताया गया कि मृतक के पिता रविंद्र नाथ श्रीवास्तव की तहरीर पर लखनऊ के इंदिरा नगर कोतवाली में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पुष्पेंद्र सिंह व शैलजा श्रीवास्तव पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के सोशल मीडिया टीम के सदस्य पार्थ श्रीवास्तव के सुसाइड मामले में आखिरकार 4 दिन बाद पुलिस ने पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताया गया कि मृतक के पिता रविंद्र नाथ श्रीवास्तव की तहरीर पर लखनऊ के इंदिरा नगर कोतवाली में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पुष्पेंद्र सिंह व शैलजा श्रीवास्तव पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
उधर पार्थ की मां का कहना है कि जहां तक जाना पड़ेगा न्याय के लिए हम जाएंगे। बता दें कि बुधवार को पार्थ ने अपने घर पर फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था।
गौरतलब है कि बीते 22 मई को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर तथा डॉ. नूतन ठाकुर ने सोशल मीडिया सेल के पार्थ श्रीवास्तव द्वारा की गयी आत्महत्या तथा उसके बाद उनके ट्वीट को डिलीट किये जाने के मामले में एफआईआर दर्ज किये जाने की मांग की थी। बताया गया कि लखनऊ पुलिस कमिश्नर को भेजे अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि पार्थ द्वारा एक सुसाइड नोट भी लिखा गया था।
इसमें उन्होंने अपने दो सहयोगियों शैलजा तथा पुष्पेन्द्र को अपने सुसाइड के लिए पूरी तरह जिम्मेदार बताया है। बताया गया कि साथ ही पार्थ द्वारा अपना सुसाइड नोट अपने ट्विटर हैंडल @ParthSrivastav6 से सूचना निदेशक शिशिर को टैग करते हुए पोस्ट किया गया था। मगर यह ट्वीट उनकी आत्महत्या के बाद उनके परिवार से बाहर के किसी अन्य व्यक्तियों द्वारा डिलीट किया गया है।
बताया गया कि अब यह ट्वीट उनके ट्वीटर अकाउंट पर उपलब्ध नहीं है, जो एक गंभीर आपराधिक कृत्य है। कहा गया कि यह एक बड़े षडयंत्र की ओर इंगित करता है। ऐसे में अमिताभ तथा नूतन ने मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्थ श्रीवास्तव के 2 पेज के सुसाइड नोट में कईयो के नाम दर्ज हैं।
इनमें पार्थ ने पुष्पेंद्र सिंह और अन्य सहकर्मियों पर आरोप लगाए हैं। बताया गया कि पार्थ के सुसाइड नोट में अभय भैया, महेंद्र और शैलजा नाम की महिला कर्मी के नाम का भी जिक्र है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्थ श्रीवास्तव ने आत्महत्या से पहले ट्वीट किया था। इसमें उसने अपनी मौत के लिए कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराया था।
बताया गया कि पार्थ के सुसाइड करने के बाद उसके ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। इधर पार्थ के दोस्त द्वारा सोशल मीडिया पर पार्थ के ट्विटर और फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए 'जस्टिस फॉर पार्थ' कैंपेन चलाया जा रहा है।