कोरोना संक्रमित पत्नी और बच्ची की देखभाल के लिए छुट्टी न मिलने पर सीओ ने दिया इस्तीफा, पत्र वायरल
2005 बैच के पीपीएस अफसर मनीष चंद्र सोनकर सीओ सदर झांसी ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे में वह उच्च अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, उनके इस्तीफे को स्वीकृत करते हुए एसएसपी रोहन पी कनय ने संस्तुति के लिए राज्यपाल को भेज दिया है।
झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले से रिश्तों और फर्ज के भंवर में फंसे एक पुलिस अधिकारी का त्याग पत्र इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
मालूम हो कि इस अधिकारी की पत्नी और बच्ची कोरोना संक्रमित है और उसे पत्नी और बच्ची की देखभाल के लिए छुट्टी नहीं मिली तो उसने प्रशासन से नाराज होते हुए इस्तीफा दे दिया, जो इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
2005 बैच के पीपीएस अफसर मनीष चंद्र सोनकर सीओ सदर झांसी ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे में वह उच्च अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, उनके इस्तीफे को स्वीकृत करते हुए एसएसपी रोहन पी कनय ने संस्तुति के लिए राज्यपाल को भेज दिया है।
मनीष चंद्र सोनकर ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मेरे साथ मेरी पत्नी और 4 साल की बेटी रह रही है, मैंने गत वर्षों में सेवाभाव से कार्य किया है। मेरे परिवार में चाहे कोई कितना भी बीमार रहा हो चाहे कोई मर भी गया हो कोई न कोई ऑल्टरनेट व्यवस्था का प्रयास कर हमेशा स्वयं से आगे पुलिस सेवा को आगे रखा है।
इसके बाद भी इस महामारी में जब एक बार मेरे परिवार को मेरी जरूरत पड़ी है तो भी ये विभाग और इसके कर्णधार को ये गंवारा नहीं हुआ कि मुझे मेरे परिवार के साथ इस विकट समय में अकेले छोड़ दें, मदद करने के बजाए प्रताड़ना करना शुरू कर दिया।
उन्होंने आगे अपने पत्र में लिखा है कि 30 अप्रैल को मेरी पत्नी मेरा और मेरी बेटी का कोविड टेस्ट कराया। मेरी पत्नी कोरोना से संक्रमित है। मेरी पत्नी को तुरंत आइसोलेट करना पड़ा।
मेरी 4 वर्ष बेटी जो जन्म के बाद से ही सिर्फ अपनी मां के साथ ही रही है को मेरे पास आना पड़ा इसके साथ ही मैं घर में अकेला सदस्य स्वस्थ्य हूं, इसलिए मेरी पत्नी की सेवा करने की जिम्मेदारी मेरे ऊपर है।
जान पहचान के लोगों से मदद इसलिए नहीं ले सकते थे क्योंकि मेरी पत्नी के कोरोना संक्रमित है और बेटी बेटी लगातार उसके साथ रह रही थी। अब किसी जान पहचान वालों के पास उसे भेजना ठीक नहीं है अन्यथा उन्हें भी सक्रमण हो सकता है।
सीओ का आरोप है कि इसलिए मैंने फोन के जरिए एसएसपी झांसी को अवगत कराते हुए जरिए पत्र दिनांक 1 मई 2021 से 6 दिन का आकस्मिक अवकाश मांगा था, लेकिन इस कठिन समय में साथी अधिकारी के रूप में मेरे साथ संवेदना पूर्वक व्यवहार करने के बजाए मेरी ड्यूटी 2 मई से 3 मई तक बड़ागांव ब्लॉक के पंचायत चुनाव की मतगणना में लगा दी।
जिस पर मैंने राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र को जरिए उचित माध्यम प्रेषित कर दियां मेरा त्यागपत्र हेतु आवेदन प्राप्त करते ही दिनांक 2 मई को ही माननीय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा मेरे 1 मई के आवेदन के क्रम में दिनाक 3 मई से 6 मई तक अवकाश प्रदान कर दिया गया।