देश की तीनों सेनाओं में सेवा देने वाले कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल (रिटा) ने लगाया उम्र का शतक

टीम भारतदीप |

कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल (रिटा)
कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल (रिटा)

कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल ने आज अपने जीवन का शतक पूरा कर लिया। यानि वे आज 100 वर्ष के हो गए। कर्नल पृथ्वीपाल सिंह एकमात्र ऐसे अधिकारी है, जिन्होंने भारतीय नौसेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय थलसेना में अपनी सेवाएं दी है।

नई दिल्ली। कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल ने आज अपने जीवन का शतक पूरा कर लिया। यानि वे आज 100 वर्ष के हो गए।

कर्नल पृथ्वीपाल सिंह एकमात्र ऐसे अधिकारी है, जिन्होंने भारतीय नौसेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय थलसेना में अपनी सेवाएं दी है। 1965 का भारत- पाक युद्ध हो या जम्मू- कश्मीर और पंजाब के बॉर्डर, कर्नल पृथ्वीपाल सिंह ने सब देखा है।

बता दें कि कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल के बारे में कहा जाता है कि परिवार से बिना पूछे ही वो अंग्रेजी हुकूमत में रॉयल इंडियन एयरफोर्स में शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें कराची में तैनात पायलट अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया।

आपको बता दे कि कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल हॉवर्ड एयरक्राफ्ट उड़ाया करते थे। लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से गिल के संबंध में यह जानकारी साझा की है।

पृथ्वीपाल सिंह गिल के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने सोशल मीडिया में उनकी जवानी की एक फोटो और वर्तमान समय की एक फोटो साझा की है। इसके साथ ही उन्होंने फोटो के साथ कैप्शन में लिखा कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल-100 नॉट आउट।

अगर बात करें कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल के जीवन के बारे में तो उन्होंने अंग्रेजो की रॉयल इंडियन एयरफोर्स में बतौर पायलट अपने सैन्य जीवन की शुरुआत की थी। वह कराची में फ्लाइट कैडेट थे।

'द ट्रिब्यून' से बातचीत में कर्नल गिल ने बताया है कि रॉयल इंडियन एयरफोर्स में साल भर ही गुजरे थे कि पिता के डर से उन्हें वापस लौटना पड़ा। उन्होंने बताया कि उनके पिता को लगता था कि कर्नल गिल एयर क्रैश में मारे जाएंगे।

एयरफोर्स से वापस आने के बाद कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल का 23 वर्ष की उम्र में भारतीय नौसेना में ट्रांसफर कर दिया गया। भारतीय नौसेना में उन्होंने 1943 से 1948 तक अपनी सेवाएं दी। यहां रहते हुए उन्होंने स्वीपिंग शिप और आईएनएस तीर पर अपनी सेवाएं दी।

इसके साथ ही दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वह मालवाहक पोतों की निगरानी भी करते थे। आपको बता दें कि नौसेना अधिकारी के तौर पर उप लेफ्टिनेंट पृथ्वीपाल सिंह गिल ने स्कूल ऑफ आर्टिलरी, देवलाली में लॉन्ग गनरी स्टाफ का कोर्स क्वालीफाई किया।

भारतीय एयरफोर्स और भारतीय नौसेना में अपनी सेवाएं देने के बाद कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल का ट्रांसफर भारतीय सेना में कर दिया गया। इस दौरान उनकी तैनाती ग्वालियर माउंटेन बैटरी में हुई।

बता दें कि 1965 में जब भारत और पाकिस्तान में जंग छिड़ी तो कर्नल गिल थल सेना में गनर ऑफिसर थे। इसके अलावा कर्नल गिल ने मणिपुर में असम राइफल्स में भी अपनी सेवा दी। बताते चले कि कर्नल गिल ने 1970 में रिटायरमेंट ले लिया था।


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