कम्प्यूटर बाबा का बजा गेम, सरकार ने ध्वस्त कराया आश्रम, विरोध करने पर गए जेल
मध्य प्रदेश में पिछले कई साल से राजनीतिक गलियारों में धमक रखने वाले कम्प्यूटर बाबा के ठिकानों पर रविवार सुबह प्रदेश सरकार ने बुल्डोजर चलवाकर आश्रम को ध्वस्त कर दिया । बाबा ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके आश्रम बना रखा था।
इंदौर। मध्य प्रदेश में पिछले कई साल से राजनीतिक गलियारों में धमक रखने वाले कम्प्यूटर बाबा के ठिकानों पर रविवार सुबह प्रदेश सरकार ने बुल्डोजर चलवाकर आश्रम को ध्वस्त कर दिया ।
राजनीतिक संबंधों के कारण चर्चा में रहने वाले कंप्यूटर बाबा (रामदेव दास त्यागी) का जम्बूड़ी हप्सी गांव में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके आश्रम बना रखा था।
इस आश्रम को रविवार सुबह ढहा दिया गया। कार्रवाई का विरोध करने पर पुलिस ने बाबा सहित सात लोगों को जेल भेज दिया। अलसुबह शुरू हुई कार्रवाई दोपहर तक चलती रही।
अधिकारियों ने बताया कि बाबा को सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के लिए नोटिस भी दिए हए थे।अर्थदंड के अलावा शासकीय भूमि से बेदखल करने का आदेश भी पारित किया गया था।
बाबा ने 46 एकड़ जमीन में से तीन एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर घर बना लिया था।मामले को लेकर राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इसे बदले की भावना के तहत की गई कार्रवाई करार दिया है। उन्होंने कहा कि मै इसकी निंदा करता हूं।
सूत्रों के अनुसार इंदौर के जम्बूड़ी हप्सी गांव में रामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा ने 46 एकड़ जमीन में से तीन एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके घर बना लिया था।
मामला गरमाने पर पिछले दिनों राजस्व विभाग ने इसकी जांच की। इसमें खुलासा होने के बाद रविवार सुबह-सुबह कलेक्टर मनीष सिंह के आदेश पर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू हुई।
एसडीएम राजेश राठौर और शाश्वत शर्मा ने बताया कि तीन एकड़ जमीन पर कब्जा करके घर बना लिया गया था। किसी तरह का विरोध न हो इसके लिए प्रशासन ने पहले ही पुख्ता इंतजाम कर लिए थे और राजस्व अमले के साथ गांधी नगर थाने की पुलिस बड़ी संख्या में मौके पर मौजूद थी।
मालूम हो कि दो साल पहले विधानसभा चुनाव में कम्प्यूटर बाबा ने पाला बदलकर भाजपाई से कांग्रेसी हो गए थे। बाबा ने शिवराज सरकार के खिलाफ नदी बचाओ अभियान चलाया था।
उपचुनाव में भी कांग्रेस के समर्थन में जमकर प्रचार किया। बाबा के कार्यों से सरकार चिढ़ी हुई है। इसलिए जब सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की पुष्टि हो गई तो जिला प्रशासन को कार्रवाई के आदेश दिए गए।