यूपी में अपनी जड़ें मजबूत करने की छटपटाहट में कांग्रेस, बनाया यह प्लान
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लगातार मिल रही चुनावी हार को लेकर कांग्रेस ने कुछ मंथन जरूर किया है और अब पार्टी यहां संगठन को मजबूत करने की सोच रही है। यह कोशिश कितनी परवान चढ़ती है यह तो समय बताएगा। बहरहाल कांग्रेस ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में संगठन को फिर से खड़ा करने की सोचीं जरूर है।
लखनऊ। लम्बे अर्से से यूपी में अपनी सियासी जमीन गवां चुकी कांग्रेस लगातार वापसी की कोशिश करती रही है। बावजूद इसके अभी तक उसे यहां सफलता नहीं मिल सकी। इसकी सीधी और साफ वजह यहां कांग्रेस संगठन के जर्जर हालात हैं। जिसे पार्टी ने सही मायनों कभी दुरूस्त करने की कोशिश ही नहीं की है।
लेकिन अब शायद लगता है कि लगातार मिल रही चुनावी हार को लेकर कांग्रेस ने कुछ मंथन जरूर किया है और अब पार्टी यहां संगठन को मजबूत करने की सोच रही है। यह कोशिश कितनी परवान चढ़ती है यह तो समय बताएगा। बहरहाल कांग्रेस ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में संगठन को फिर से खड़ा करने की सोचीं जरूर है।
देखना यह भी दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी वकई में संगठन को मजबूत कर पाएगी या फिर वहीं पुराना कांग्रेसी कल्चर चलेगा, जिसने कांग्रेस की जमीनी पकड़ को खोखला कर दिया है।
वैसे कहा जा रहा है कि उप चुनाव के नतीजों की समीक्षा के बाद कांग्रेस ने तय किया है कि अगले 2 महीने धरना-प्रदर्शन के बजाए ग्राम स्तर तक संगठन खड़ा करने पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। सप्ताह भर में सभी ब्लॉक अध्यक्षों के नामों की घोषणा भी कर दी जाएगी।
बता दें कि हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को कोई सीट तो नहीं मिली, पर दो विधानसभा क्षेत्रों में वह दूसरे नंबर पर रही। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के संघर्षों को मिले जन समर्थन को चुनाव के दौरान जीत में बदलने के लिए मजबूत संगठन का होना आवश्यक है।
इसलिए अगले 2 महीने बहुत ज्यादा जरूरी नहीं हुआ तो धरना-प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। इसके स्थान पर अपनी पूरी ऊर्जा ग्राम स्तर तक संगठन को मजबूत करने में लगाई जाएगी। इसके तहत कांग्रेस ने पिछले दो दिनों में 48 जिलों के ब्लॉकों के अध्यक्ष तय कर दिए हैं।
शेष 27 जिलों के ब्लॉक अध्यक्षों के नाम भी अगले दो-तीन दिन में जारी कर किए जाने की संभावना है। साथ ही न्याय पंचायत स्तर पर अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जिसके बाद ग्राम स्तर पर कमेटी का गठन किया जाएगा।
कांग्रेस हाईकमान ने अपने सभी प्रभारी राष्ट्रीय सचिव, प्रदेश अध्यक्ष और संगठन के अन्य नेताओं को इस संबंध में जरूरी निर्देश भी दिए हैं। पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव अनिल यादव के मुताबिक अगले 2 महीने में ग्राम कमेटियां गठित करने की कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी।
कुल मिलाकर पार्टी नेतृत्व फिर से यूपी में अपना जनाधार बढ़ाने की फिराक में है। लेकिन यह काम जितना आसान लगता है उतना है नहीं। इसके लिए उसे काफी लम्बी योजना बनाकर जमीन पर उतरना होगा। महज चुनावी माहौल में गर्माहट व उसके बाद रणनीति को ठंडे बस्ते में डाल के कारण ही कांग्रेस इस कगार पर पहुंची है।
ऐसे में राजनीतिक पंडितों का कहना है कि संगठन को वकई में फिर से खड़ा करने के लिए पार्टी को अपना पुराना कल्चर बदलना होगा। क्योंकि यूपी की सियासत में कई दावेदार है जो कांग्रेस के मुकाबले जमीन पर काफी मजबूत पकड़ बनाए हुए है।
उनका संगठन भी कांग्रेस के मुकाबले काफी मजबूत है। ऐसे में इनके वोंटबैंक में सेंधमारी कर दोबारा अपना जनाधार खड़ा करने के लिए कांग्रेस पार्टी को कुछ बड़ा करिश्मा करना होगा जो शायद अभी दूर की कौड़ी ही मालूम पड़ता है।