भगत सिंह के सहारे किसान बिल के विरोध को हवा देने में जुटी कांग्रेस, कैप्टन के साथ यहां पहुंची टीम
इस कानून के विरोध में किसानों द्वारा भारत बंद भी कराया गया वहीं आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 113वीं की जयंती पर उनकी ही जन्मस्थली पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह धरना देने पहुंचे हैं।
चंडीगढ़ (पंजाब)। भारत में कृषि कानून को लेकर एक अध्यादेश आया और जनता दो पक्षों में बंट गयी जिसका एक पक्ष विरोध तो दूसरा पक्ष समर्थन में है।
जहां बीते दिनों इस कानून के विरोध में किसानों द्वारा भारत बंद भी कराया गया वहीं आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 113वीं की जयंती पर उनकी ही जन्मस्थली पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह धरना देने पहुंचे हैं।
मौके की तरह
भगत सिंह के गांव खटकर कलां में कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए हैं। इसके अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत जिन्हें हाल ही में पंजाब का इंचार्ज बनाया गया है वह भी धरने में शामिल हो गए हैं। धरना शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री ने भगत सिंह की प्रतिमा को श्रद्धांजलि दी है।
कृषि बिल के विरोध में मोदी सरकार की मंत्री हरसिमरत कौर पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं वहीं अब एनडीए का पुराना सहयोगी अकाली दल भी गठबंधन तोड़ चुका है। जिससे बीजेपी को बिहार इलेक्शन तथा पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
एक तरफ इस बिल को बीजेपी के लिए संकट बताया जा रहा है वहीं कांग्रेस इसे एक मौके की तरह देख रही है। पंजाब विधानसभा चुनाव की बात करें तो अभी इसमें वक्त है लेकिन सभी दलों ने अपने कैडरों को जुटाने की तैयारी शुरू कर दी है।
मकसद किसानों की ऊर्जा को दिशा देना
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने प्रदर्शन को लेकर पार्टी की मंशा बताते हुए कहा है, ष्खटकर कलां में उन्हें (रावत) लाने के पीछे हमारा मकसद किसानों की ऊर्जा को दिशा देना है। वह एक परिपक्व इंसान हैं और केंद्र के खिलाफ किसानों की नाराजगी को रास्ता दिखाकर अब इसका हल ढूंढने पर जोर दिया जा रहा है।ष्
सुनील जाखड़ ने बताया कि पार्टी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन पूरे देशभर में प्रदर्शन की योजना बना रही है। अकाली दल ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को 1 अक्टूबर को अकाल तख्त (अमृतसर), तख्त श्री केशगढ़ साहिब (आनंदपुर साहिब) और तलवंडी साबो में तख्त श्री दमदमा साहिब पर माथा टेकने के बाद चंडीगढ़ में इकट्ठा होने को कहा है।