कांग्रेस की विपक्षी दलों के साथ बैठक आज, टीएमसी के बाद एनसीपी और शिवसेना ने बनाई दूरी

टीम भारत दीप |

ममता ने इस बार अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात से भी परहेज किया था। 
ममता ने इस बार अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात से भी परहेज किया था। 

संसद के शीतसत्र में केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कांग्रेस की कोशिशों को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना व एनसीपी ने तगड़ा झटका दे दिया है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की आज बुलाई बैठक में न तो टीएमसी शामिल होगी और न ही शिवसेना व एनसीपी के सदस्य पहुंचेंगे।

नई दिल्ली। एक तरफ जहां कांग्रेस समय के साथ अपनी धार खोती जा रही है और तृणमूल कांग्रेस तेजी से लोकप्रिय हो रही है, वहीं एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। कांग्रेस से अब शिवसेना और एनसीपी दूरी बनाती हुई नजर आ रही है।

संसद के शीतसत्र में केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कांग्रेस की कोशिशों को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना व एनसीपी ने तगड़ा झटका दे दिया है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की आज (सोमवार, 29 नवंबर को) बुलाई बैठक में न तो टीएमसी शामिल होगी और न ही शिवसेना व एनसीपी के सदस्य पहुंचेंगे। इनके अलावा वाईएसआर कांग्रेस, बीजद, टीआरएस भी बैठक में शामिल नहीं होंगे। 

राजनीतिक जानकारी टीएमसी के सांसद के न पहुंचना कांग्रेस से बिगड़ते रिश्तों की गवाही दे रहे हैं, कांग्रेस के कई नेताओं के टीएमसी में शामिल होने के बाद पार्टी की ओर से ममता बनर्जी और टीएमसी पर सीधा निशाना साधा गया है। वहीं ममता बनर्जी ने इस बार दिल्ली दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात से भी परहेज किया था। 

वहीं कांग्रेस के ​वरिष्ठ सांसद खरगे ने बताया कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन से उनकी बातचीत हुई है, कोलकाता में टीएमसी की कार्यकारिणी बैठक के कारण उनके सदस्य नहीं पहुंच सकेंगे।

वहीं एनसीपी नेता शरद पवार ने बताया कि शिवसेना सांसद संजय राउत के घर शादी समारोह के चलते उनकी पार्टी व शिवसेना सदस्य भी दिल्ली नहीं आ पाएंगे। खरगे ने कहा, वह पूरी कोशिश करेंगे कि विपक्ष के सभी दल सदन में अच्छे मुद्दों पर एकजुट होकर सरकार के खिलाफ खड़े होंगे। जनता के मुद्दों पर हम एक साथ कानून के दायरे अपना पक्ष रखेंगे।

पीएम ने सर्वदलीय बैठक से बनाई दूरी

लंबे समय बाद अरसे बाद पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक से दूर रहे। इससे पहले अपने कार्यकाल के दौरान पीएम संसदीय कार्य मंत्री की ओर से बुलाई जाने वाली सभी सर्वदलीय बैठकों में शिरकत की थी। उनकी अनुपस्थिति पर विपक्ष ने सवाल खड़ा किया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, यह बैठक उनकी ओर से बुलाई गई है। पीएम ने खुद ऐसी बैठक में शिरकत करने की परंपरा डाली थी।

आप ने किया बहिष्कार

आम आदमी पार्टी ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया। आप सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बैठक में उन्हें बोलने नहीं दिया गया। वह एमएसपी पर गारंटी और मृत किसान के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। जब उन्हें बोलने नहीं दिया गया तो उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया।

वहीं कांग्रेस नेता खड़गे का कहना है कि  यह सत्र बेहद अहम है। हम कृषि कानूनों के सभी पहलुओं, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी सहित कई अहम मुद्दों पर सार्थक चर्चा चाहते हैं। सर्वदलीय बैठक में हमने सरकार को अपनी प्राथमिकताएं बताई हैं। हम चाहते हैं कि इन मुद्दों पर सदन में व्यापक चर्चा हो। उम्मीद है सरकार सहयोग करेगी। 

टीएमसी ने उठाए दस मुद्दे 

सर्वदलीय बैठक में टीएमसी ने महिला आरक्षण बिल समेत दस मुद्दों को संसद के शीतसत्र में उठाए जाने की मांग की है। पार्टी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन व सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र बिलों को थोपेगा नहीं बल्कि उन पर चर्चा होने दी जाएगी।

उनकी पार्टी महंगाई, एमएसपी कानून, बेरोजगारी, बीएसएफ का दायरा बढ़ाए जाने, पेगासस मुद्दे, संघीय ढांचे को मजबूती देने और लाभकारी पीएसयू का विनिवेश रोकने जैसे मुद्दों को इस सत्र में उठाने की मांग करती है। 

हरियाणा से कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंदर सिंह हूडा ने कहा, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में मरने वाले किसानों के परिवारों से सरकार को माफी मांगनी चाहिए। राज्यसभा के सभापति व लोकसभा अध्यक्ष को पहले ही दिन इन किसानों के लिए एक शोक प्रस्ताव भी पारित करना चाहिए।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के लिए शोक प्रस्ताव पारित करने की मांग की है।

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