पीएम की रैली में हिंसा फैलाने की साजिश: मथुरा से खरीदी गई थी कार, पुलिस जांच में जुटी
आपकों बता दें कि सपा के नेताओं ने योजनाबद्ध तरीके से ऑनलाइन इस कार को खरीदा था और ताज्जुब इस बात का है कि खरीदार ने इस कार को अपने नाम ट्रांसफर भी नहीं कराया था। कार का मालिक वर्तमान में अंकुर पटेल है, जो सपा के पिछड़ा प्रकोष्ठ का सचिव बताया जा रहा है।
मथुरा। यूपी पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार पीएम की कानपुर की जनसभा में उपद्रव करने वाले मथुरा से कार खरीदी थी और उसी से आग लगाकर उपद्रव करने की फिराक में थे। इस खुलासे के बाद पुलिस की जांच टीम अब मथुरा में उस कार विक्रेता को ढूंढ रही हैं, जिसकी कार में योजनाबद्ध तरीके से आग लगाकर भाजपा को बदनाम करने की कोशिश की गई थी।
ऑनलाइन खरीदी थी कार
आपकों बता दें कि सपा के नेताओं ने योजनाबद्ध तरीके से ऑनलाइन इस कार को खरीदा था और ताज्जुब इस बात का है कि खरीदार ने इस कार को अपने नाम ट्रांसफर भी नहीं कराया था। कार का मालिक वर्तमान में अंकुर पटेल है, जो सपा के पिछड़ा प्रकोष्ठ का सचिव बताया जा रहा है।
प्रधानमंत्री के कानपुर दौरे के समय जिस कार में भाजपा के झंडे लगे थे, उसे बुरी तरह तोड़ा-फोड़ा और जलाया गया था। इस मामले में अब यह नया खुलासा हुआ है कि आरोपियों में शामिल कार का मालिक अंकुर पटेल ने पूछताछ में बताया है कि उसने यह कार मथुरा के राधारमन सिंह से खरीदी थी, लेकिन उसने खरीदारी के बाद उस कार को अपने नाम नहीं कराया।
सपा नेताओं कहा था कार मेरी नहीं है
गुरुवार को अदालत में पेशी के समय अंकुर पटेल ने कहा था कि जांच करा लो, यह कार मेरी नहीं है। उसने यह कहकर जांच टीम को और भी परेशान कर दिया। इस मामले में अंकुर पटेल समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि तीन अन्य संदिग्धों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है।
यह कार मथुरा के राधारमन सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है और इसे ऑनलाइन वेबसाइट से खरीदा गया था। केवल 10 रुपये के स्टांप पेपर पर खरीद-फरोख्त की गई। इससे जाहिर हो रहा है कि पटेल ने जानबूझकर ऐसा किया, जिससे वह पकड़ा जाए तो कार के रजिस्ट्रेशन में उसका नाम न आए।
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