आगरा विवि की परीक्षा में नकल, मथुरा के कॉलेज में टीचर ने बोलकर कराई नकल, वीडियो वायरल

टीम भारत दीप |

बीएससी द्वितीय वर्ष के जूलॉजी के पेपर में एक कक्ष में छात्रों को बोल-बोलकर नकल कराई जा रही है।
बीएससी द्वितीय वर्ष के जूलॉजी के पेपर में एक कक्ष में छात्रों को बोल-बोलकर नकल कराई जा रही है।

कक्ष निरीक्षक बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर बोलकर बता रहा है। परीक्षा के बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वहीं, ग्राम प्रधान ने भी कॉलेज में नकल के लिए 3-3 हजार रुपए वसूलने का आरोप लगाया है। रुपए न देने वाले छात्रों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने इसकी शिकायत भी की है।

आगरा। आगरा विवि प्रशासन द्वारा परीक्षा में नकल रोकने के लिए इस बार कड़ी व्यवस्था की गई है। इसके बाद भी नकल माफिया अपना काम करने से पीछे नहीं हट रहे है।

विवि प्रशासन द्वारा सीसीटीवी कैमरे से केंद्रों की निगरानी की बात कही जा रही है, लेकिन नकल माफिया उससे एक कदम आगे हैं। बहुत से सेल्फ फाइनेंस कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने सीसीटीवी कैमरों को बंद कर रखा है या फिर उनका कोड बदलकर नकल कराने में जुटे है। 

विश्वविद्यालय की सख्ती के बाद भी परीक्षा में बोल-बोलकर नकल कराई जा रही है। इसका खुलासा बीएससी द्वितीय वर्ष की परीक्षा में नकल कराने का वीडियो वायरल होने के बाद हुआ। नकल करवाने का जो वीडियो सामने आया है वह मथुरा के बलदेव स्थित एक कॉलेज का बताया जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद विवि प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में मथुरा के बलदेव स्थित श्रीमती लीला देवी कॉलेज का बताया गया है। वीडियो में बीएससी द्वितीय वर्ष के जूलॉजी के पेपर में एक कक्ष में छात्रों को बोल-बोलकर नकल कराई जा रही है।

कक्ष निरीक्षक बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर बोलकर बता रहा है। परीक्षा के बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वहीं, ग्राम प्रधान ने भी कॉलेज में नकल के लिए 3-3 हजार रुपए वसूलने का आरोप लगाया है। रुपए न देने वाले छात्रों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने इसकी शिकायत भी की है।

विवि प्रशासन कराएगा जांच

वीडियो सामने आने के बाद विश्वविद्यालय के पीआरओ प्रदीप श्रीधर का कहना है कि वीडियो के विषय में कुलपति और परीक्षा नियंत्रक को जानकारी दी गई है। इसकी जांच कराई जाएगी।

जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। बहुत से सेल्फ फाइनेंस कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने सीसीटीवी कैमरों को बंद कर रखा है या फिर उनका कोड बदल दिया है, जिससे विश्वविद्यालय अपने कंट्रोल रूम से उनकी निगरानी नहीं कर पा रहा है।

सचल दल की गाड़ी में फेंक दिए थे रुपए

आपकों बता दें कि 27 जुलाई को सचल दल ने जलेसर स्थित ममता डिग्री कॉलेज में छापा मारा था। यहां पर सचल दल को हल किया हुआ प्रश्न पत्र मिला था। इसका वीडियो भी बनाया गया थी।

जब सचल दल कार्रवाई कर लौट रहा था तो उनको रुपए का लिफाफा देकर मामला रफा-दफा करने का प्रयास किया था। इंकार करने पर लिफाफा उनकी कार में फेंक दिया गया था। इस संबंध में सचल दल ने कुलपति को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। वहीं, बौहरे नरायण सिंह आर्य महाविद्यालय बलदेव में भी नकल की सूचना पर कार्रवाई की गई थी।

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