कालेज में पढ़ाई के दौरान यदि कोरोना के लक्षण मिले तो जानिए क्या है गाइडलाइन
अब भी रोजाना 90 से 97 हजार के बीच नए केस आ रहे हैं और कुल संक्रमितों की संख्या 47 लाख के पार पहुंच चुकी है।
एजूकेशन डेस्क। कोरोना महामारी ने देश की शिक्षा व्यवस्था को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। लाॅकडाउन के बाद से इंटर तक स्कूल तो बंद ही हैं। अब जाकर कहीं सरकार ने कालेज और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में मानकों के पालन के साथ छात्रों को बुलाने की इजाजत दी है।
सरकार का कहना है कि इसका मतलब ये नहीं है कि संक्रमण का खतरा टल गया है। अब भी रोजाना 90 से 97 हजार के बीच नए केस आ रहे हैं और कुल संक्रमितों की संख्या 47 लाख के पार पहुंच चुकी है। ऐसे में आम जिंदगी भी ना रूके और सभी सुरक्षित रहें, इस दिशा में प्रयास जारी हैं।
केंद्र सरकार ने अनलाॅक 4 की गाइडलाइन में स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और कालेजों में स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी के पालन के साथ कक्षाओं और लैब वर्क को शुरू करने की इजाजत दी है। इस दौरान यदि किसी छात्र या अध्यापक में कोरोना के लक्षण दिखाई दें तो उसके लिए इस प्रकार गाइडलाइन तय की गई है-
1- सबसे पहले संबंधित व्यक्ति को ऐसे कमरे में रखा जाएगा जो बाकी जगह से अलग है।
2- उसके परिवारीजनों को तत्काल इसकी सूचना दी जाएगी।
3- मरीज का जब तक परीक्षण न हो जाए उसे मास्क पहने रहना होगा।
4- नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या राज्य या जिला हेल्पलाइन पर इसकी सूचना दी जाए।
5- एक स्वास्थ्य अधिकारी वहां आकर खतरे का आकलन करेंगे और उसके अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी।
6- यदि जांच के बाद मरीज पाॅजिटिव पाया जाता है तो पूरे परिसर को सैनिटाइज कराया जाएगा।
7- यदि किसी होस्टल या आवासीय परिसर में केस सामने आता है तो स्थानीय निकाय को सूचित किया जाए।