कोरोना की मार बैंकों पर: सितंबर 2021 तक 13.5 फीसदी पर पहुंच सकता है एनपीए
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रिपोर्ट के अनुसार बैंकों का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) यानी फंसा कर्ज तुलनात्मक आधार पर सितंबर 2021 तक बढ़कर 13.5 प्रतिशत पर पहुंच सकता है जो सितंबर 2020 में 7.5 प्रतिशत था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह कहा गया है।
मुंबई। कोरोना महामारी की मार बैंकों पर पड़ रहा है। यह हम नहीं कह रहे है, बल्कि यह आरबीआई द्वारा जारी ताजा आंकड़े बता रहे है। कोरोना की वजह से बैंकों का पैसा तेजी से फंस रहा है।
आरबीआई द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस साल के सितंबर बैंकों का एनपीए यानि फंसा हुआ धन दोगुना हो सकता है।
जारी रिपोर्ट के अनुसार बैंकों का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) यानी फंसा कर्ज तुलनात्मक आधार पर सितंबर 2021 तक बढ़कर 13.5 प्रतिशत पर पहुंच सकता है जो सितंबर 2020 में 7.5 प्रतिशत था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार अगर वृहद आर्थिक माहौल और खराब होता है और गंभीर दबाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो सकल एनपीए अनुपात 14.8 प्रतिशत तक जा सकता है।
वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार, ‘दबाव की स्थिति के विश्लेषण से यह संकेत मिलता है कि सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल एनपीए तुलनात्मक आधार पर सितंबर 2020 में 7.5 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2021 तक 13.5 प्रतिशत हो सकता है।’
बैंक समूह में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए अनुपात सितंबर 2020 में 9.7 प्रतिशत था जो सितंबर 2021 में 16.2 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। यह निश्चित रूप से बैंकों के लिए निराशाजनक खबर है।
इसी तरह निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 4.6 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत से बढ़कर क्रमश: 7.9 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत हो सकता है।
वृहद आर्थिक माहौल और बिगड़ने या दबाव बढ़ने पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी बैंकों और विदेशी बैंकों का सकल एनपीए सितंबर 2021 तक बढ़कर क्रमश: 17.6 प्रतिशत, 8.8 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत हो सकता है। इसमें कहा गया है, ‘सकल एनपीए अनुपात का यह अनुमान बैंक के पोर्टफोलियो के मूल्य में कमी का संकेत है।
इक्रा ने जताया था अनुमान
मालूम हो कि इससे पहले रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अनुमान देते हुए कहा था कि बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (ग्रॉस एनपीए) मार्च, 2021 में 10.1-10.6 प्रतिशत पर पहुंच जाएंगी।
रेटिंग एजेंसी ने साथ ही कहा कि इस दौरान बैंकों का शुद्ध एनपीए 3.1 से 3.2 प्रतिशत रहेगा। हालांकि, रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि मार्च, 2022 तक शुद्ध एनपीए घटकर 2.4-2.6 प्रतिशत रह जाएगा।