कोरोना वैक्सीन बनी ठगों का नया हथियार, पंजीयन के नाम पर लगा रहे चूना
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अब ठग लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए पंजीयन के नाम पर मोबाइल पर संपर्क कर रहे है। जैसे ही लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए हा करते है। पंजीयन के नाम पर मोबाइल डाटा चोरी कर लेते है। यहां तक कि मोबाइल में इंस्टाल बैंक एप के माध्यम से खाते से रुपये तक चुरा ले रहे है।
नई दिल्ली। ठग हर समय लोगों को ठगने के फिराक में रहते है। उनके लिए किसी की बीमारी या शादी से कोई वास्ता नहीं रहता, उन्हें तो अपने धंधे से मतलब रहता है।
ठगों ने अब ठगी का नया तरीका खोज लिया है। अब कोरोना के इलाज और दवाई के नाम पर ठगी का रैकेट चल रहा है। कोरोना मरीजों का घर आकर इलाज का झांसा देकर कुछ लोग सामान्य दवाइयां दे गए और मोटी रकम वसूली गई।
ऐसे ही एक मामले में कोरोना मरीज की शिकायत पर रविवार को सिविल लाइंस पुलिस ने अंबेडकर अस्पताल की नर्स और उसके सहयोगी के खिलाफ ठगी का केस दर्ज कर लिया है। टीआई आरके मिश्रा ने बताया कि सिविल लाइन की एक महिला कुछ दिन पहले पॉजिटिव हो गई थी और होम आइसोलेशन पर थी।
इसी दौरान उनके पास एक नंबर से फोन आया कि वे घर पर इलाज करवाना चाहें तो उनकी टीम घर आकर इलाज का इंतजाम करेगी। कोरोना के डर की वजह से महिला तैयार हो गई। इसके बाद दीपा दास नाम की नर्स इलाज के लिए आई और 3 हजार का खर्च बताया। उसके साथ सहयोगी राकेश चंद्र सिंह भी था।
दीपा ने महिला को दो इंजेक्शन लगाए और इसका पैसा भी लिया। महिला ठीक हो गई तो सोमवार को राकेश चंद्र महिला के घर पहुंचा और 10 हजार मांगने लगा।उसने कहा कि उन्हें कोरोना का इंजेक्शन लगाया गया, जो महंगा था।
उनका इलाज अच्छे से किया गया है, इसलिए पैसे देने होंगे। इसके बाद महिला ने पुलिस को सूचना दी। दोनों के खिलाफ ठगी का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि नर्स अंबेडकर अस्पताल की कर्मचारी बताई जा रही है।
कोरोना वैक्सीन के नाम पर ठगी
अब ठग लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए पंजीयन के नाम पर मोबाइल पर संपर्क कर रहे है। जैसे ही लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए हा करते है। पंजीयन के नाम पर मोबाइल डाटा चोरी कर लेते है। यहां तक कि मोबाइल में इंस्टाल बैंक एप के माध्यम से खाते से रुपये तक चुरा ले रहे है।