Corona's side effect: पिता के शव को कार की छत पर बांधकर बेटा पहुंचा बैकुंठधाम
यह दिल झकझोरने वाला मामला आगरा के बृज क्षेत्र से सामने आया है। यहां एंबुलेंस नहीं मिलने पर बेटे ने अपने का शव को कार की छत पर बांधकर बैकुंठधाम पहुंचा। बेटा पिता के अंतिम संस्कार के लिए अपनों का घंटों इंतजार करता रहा पर कोई नहीं आया।
आगरा। कोरोना वायरस की वजह से अच्छे-अच्छे रिश्ते टूट रहे है। कहीं कोई अपनी संक्रमित मां को मरने के लिए सड़क पर छोड़ दे रहा है तो कहीं किसी के अंतिम संस्कार के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है। अपनों को अकेले ही अंतिम संस्कार करने पड़ रहे है।
इस बीच आगरा से एक दिल को झकझोरने वाला मामला सामने आया। यहां एक संक्रमित के मौत के बाद कोई भी पड़ोसी या रिश्तेदार सामने नहीं नहीं तो मजबूर बेटे ने पिता का अंतिम संस्कार अकेले करने की ठानी।
इसके लिए बेटे ने पिता के शव को कार की शत पर बांधकर मुक्तिधाम लेकर पहुंच गया। यहां भी कई घंटे तक रिश्तेदारों का इन्तजार किया जब कोई नहीं आया तो अकेले ही अंतिम संस्कार की क्रिया को पूरा किया। यह दिल झकझोरने वाला दृश्य जिसने में भी देखा उसकी आंखों से आंसु आ गया।
यह दिल झकझोरने वाला मामला आगरा के बृज क्षेत्र से सामने आया है। यहां एंबुलेंस नहीं मिलने पर बेटे ने अपने का शव को कार की छत पर बांधकर बैकुंठधाम पहुंचा। बेटा पिता के अंतिम संस्कार के लिए अपनों का घंटों इंतजार करता रहा पर कोई नहीं आया।
कुछ घंटों के बाद, जब अंतिम संस्कार करने का समय आया, तो बेटे ने पिता की लाश को कार से उतारा और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की। इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं।
इसी तहर लखनऊ में गोमतीनगर के लोहिया अस्पताल में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना हुई है। एक बुजुर्ग का शव ले जाने के लिए पजिरन एंबुलेंस की मांग करते रहे। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई, तो शव को ठेलिया से ही लेकर चले गए। मृतक कहां का और कौन था, इसका पता नहीं चल सका है।
पता चला है कि रविवार को एक ठेलिया पर मरीज को बैठाकर दो लोग पहुंचे, लेकिन दोपहर बाद मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद घर वालों ने अस्पताल कर्मी से शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की, लेकिन उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस नहीं है। इसके बाद वे लोग किसी तरह जुगाड़ गाड़ी पर ही शव लादकर ले गए।