पति की मौत का गम नहीं कर पाई बर्दाश्त, आग लगाकर दे दी जान, पांच बच्चे हुए अनाथ
मांडवी ने बच्चों को गले लगाया फिर यह कहकर बाहर भेज दिया कि तुम्हारे पापा सो रहे थे। अब नींद से जग गए हैं। बच्चे वापस लौट गए। इतने में महिला ने कमरे में अपने शरीर पर केरोसिन उड़ेलकर खुद को आग के हवाले कर दिया। कुछ देर बाद कमरे के अंदर से धुआं उठता देख लोग दौड़ पड़े।
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पति की मौत का गम पत्नी बर्दाश्त नहीं करा पाई और आग लगाकर अपनी जान दे दी। एक ही दिन पती—पत्नी की मौत से परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा दोनों का एक ही दिन अंतिम संस्कार हुआ तो हर किसी की आंख भर आई।
दिल को झकझोरने वाला यह मामला विंध्याचल कोतवाली क्षेत्र के गैपुरा गांव से आया । यहां शुक्रवार की दोपहर बीमारी से पति की मौत के सदमे को पत्नी बर्दास्त नहीं कर पाईं। वह भी बदन पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा कर जान दे दी। एक ही परिवार में दो लोगों की मौत से कोहराम मच गया। माता-पिता की मौत से पांच बच्चों के सिर से उनका साया उठ गया।
पति का शव देखकर हुई विचलित
मालूम हो कि गैपुरा गांव निवासी 42 वर्षीय विनोद कुमार पांडेय पुत्र शेषधर पांडेय बीते एक सप्ताह से बीमार थे। नगर क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार की दोपहर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
परिजन शव लेकर घर चले आए। शव घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। पत्नी मांडवी ने जैसे ही पति का शव देखा वह सदमें से पगल हो गयी। रोते बिलखते हुए वह अपने कमरे में अंदर चली गई। उसके साथ दो बच्चे भी कमरे के अंदर चले गए।
बच्चों को गले लगाने के बाद लगाई आग
मांडवी ने बच्चों को गले लगाया फिर यह कहकर बाहर भेज दिया कि तुम्हारे पापा सो रहे थे। अब नींद से जग गए हैं। बच्चे वापस लौट गए। इतने में महिला ने कमरे में अपने शरीर पर केरोसिन उड़ेलकर खुद को आग के हवाले कर दिया।
कुछ देर बाद कमरे के अंदर से धुआं उठता देख लोग दौड़ पड़े। दरवाजा खोला तो महिला को आग की लपटों में देख होश उड़ गए। किसी तरह आग बुझाकर झुलसी महिला को जिला अस्पताल ले जा रहे थे। लेकिन विंध्याचल पहुंचते ही बीच रास्ते में मांडवी ने दम तोड़ दिया। वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने पंचायतनामा भरने के बाद मृतका का शव परिवार वालों को अंतिम संस्कार करने के लिए सौंप दिया। एक ही परिवार में दो सदस्यों की मौत घरवालों का रो रो कर हाल बेहाल हो गया। बच्चों के सिर से एक ही दिन माता-पिता का छाया उठने से अनाथ हो गए।