देश का पहला कैशलेश अस्पताल शुरू, यहां एक दिन में 500 मरीजों की होगी डायलिसिस
डीएसजीएमसी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ रोगियों के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर होगा। यहां 100 बेड हैं। इनमें प्लेन के बिजनेस क्लास में मिलने वाली 50 इलेक्ट्रिक चेयर शामिल हैं। एक दिन में 500 मरीजों का डायलिसिस हो सकेगा। अस्पताल में सभी मशीनें और उपकरण जर्मनी से मंगाए गए हैं। ये अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली के बाला साहिब गुरुद्वारा में किडनी डायलिसिस के लिए देश का सबसे बड़ा अस्पताल रविवार से शुरू हुआ है। दो दिन बाद यानि मंगलवार से यहां इलाज भी मिलना शुरू हो जाएगा।
यह देश का पहला हाईटेक अस्पताल है। इस अस्पताल की सबसे बड़ी खासियत है यहां पैसा जमा करने के लिए कोई काउंटर नहीं बनाया गया है। यहां मरीजों का इलाज निःशुल्क होगा। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रंबधक कमेटी डीएसजीएमसी इसकाे संचालित करेगी।
100 बेड का है अस्पताल
डीएसजीएमसी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ रोगियों के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर होगा। यहां 100 बेड हैं। इनमें प्लेन के बिजनेस क्लास में मिलने वाली 50 इलेक्ट्रिक चेयर शामिल हैं। एक दिन में 500 मरीजों का डायलिसिस हो सकेगा। अस्पताल में सभी मशीनें और उपकरण जर्मनी से मंगाए गए हैं। ये अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं।
खून साफ करने की विधि है डायलिसिस
डायलिसिस खून साफ करने की मशीनी विधि होती है। इस प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है, जब किसी व्यक्ति के गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं। गुर्दे से जुड़े रोग, लंबे समय से शुगर के मरीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थिति में डायलसिस की जरूरत पड़ती है।
3 हजार रुपये खर्च होता है एक बार में
प्राइवेट अस्पतालों में डायलिसिस का खर्च ढाई हजार से साढ़े तीन हजार रुपये तक आता है, किडनी की बीमारी की गंभीरता को देखते हुए हफ्ते में रोगियों को दो बार डायलिसिस कराना होता है, गरीब मरीजों के लिए यह चार्ज काफी महंगा है,जिससे राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने जिला स्तर पर राष्ट्रीय डायलिसिस प्रोग्राम शुरू किया है।