अपराधी बेखौफ : चेन्नई से अगवा नौसैनिक को महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जलाया, मौत
पुलिस के मुताबिक अपहर्ताओं ने दूबे को चेन्नई से लाकर पालघर के तलसारी इलाके में रखा था। उनसे बार-बार 10 लाख रुपये की मांग की मांग कर रहे थे। जब उन्होंने फिरौती देने से मना किया तो शुक्रवार सुबह अपहर्ताओं ने उन्हें घोलवाड़ के पास जंगल में हाथ-पैर बांध कर उन्हें जिंदा जला दिया।
पालघर-महाराष्ट्र। महाराष्ट्र का पाल घर अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा है। पहले सन्यासियों की हत्या अब, नौसैनिक की फिरौती नहीं मिलने पर जलाकर हत्या से पालघर फिर सुर्खियों में आ गया है।
मालूम हो कि चेन्नई एयरपोर्ट से 30 जनवरी को अगवा किए गए नौसैनिक को अपराधियों ने फिरौती नहीं मिलने पर महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जला दिया था। गंभीर रूप से जले नौसैनिक की शुक्रवार को अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। अपहर्ताओं की तलाश जारी है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पालघर पुलिस के प्रवक्ता सचिन नवादकर ने बताया कि नौसैनिक सूरज कुमार दूबे झारखंड के डालटेनगंज के रहने वाले थे। दूबे कोयंबटूर के पास आइएनएस अग्रणी पर तैनात थे। नवादकर ने बताया कि मरने से पहले दूबे ने पूरी घटना के बारे में बताया था।
दूबे ने बताया कि छुट्टी खत्म होने के बाद उन्होंने 30 जनवरी को सुबह रांची से चेन्नई की उड़ान पकड़ी थी। चेन्नई एयरपोर्ट के बाहर रात नौ बजे तीन लोगों ने हथियार के बल पर उनका अपहरण कर लिया। उन्हें तीन दिनों तक चेन्नई में रखा गया। अपहर्ता उनसे 10 लाख रुपये की फिरौती मांग रहे थे।
पुलिस के मुताबिक अपहर्ताओं ने दूबे को चेन्नई से लाकर पालघर के तलसारी इलाके में रखा था। उनसे बार-बार 10 लाख रुपये की मांग की मांग कर रहे थे। जब उन्होंने फिरौती देने से मना किया तो शुक्रवार सुबह अपहर्ताओं ने उन्हें घोलवाड़ के पास जंगल में हाथ-पैर बांध कर उन्हें जिंदा जला दिया।
रास्ते में ही तोड़ा दम
स्थानीय लोगों ने दूबे को बुरी तरह से जली अवस्था में पाया तो पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने बताया कि 90 फीसद जली अवस्था में दूबे को दहानू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया।
वहां से उन्हें इलाज के लिए नौसेना अस्पताल मुंबई ले जाया जा रहा था, रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में आइपीसी की धारा 302 के तहत हत्या समेत अन्य धाराओं में तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
वहीं,नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि जब यह घटना हुई दूबे छुट्टी पर थे। उन्हें इलाज के लिए मुंबई में नौसेना के अस्पताल आइएनएचएस अश्विनी लाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।