134 दागियों को विधानसभा भेजकर अपराध मुक्त यूपी का सपना बेमानी
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बात सत्ताधारी पार्टी की हो या विपक्ष में बैठने वाली पार्टी कोई दूध का धुला नहीं है। यहां इस हम्माम में सब एक जैसे ही नज़र आएंगे।
लखनऊ। यूपी के कानपुर में हुई पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से इस बात की चर्चा ने एक बार फिर ज़ोर पकड़ लिया है कि राजनेताओं से बदमाशोें के लिंक होते हैं। बात सिर्फ इतनी ही नहीं है अगर यूपी विधानसभा की बात की जाए तो यहां भी दागियों की संख्या कम नहीं हैं, जिन पर कोई न कोई आपराधिक मामले दर्ज हैं। चाहे बात सत्ताधारी पार्टी की हो या विपक्ष में बैठने वाली पार्टी कोई दूध का धुला नहीं है। यहां इस हम्माम में सब एक जैसे ही नज़र आएंगे।
114 विधायकों पर आपराधिक केस
बात यदि यूपी की सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी की जाए तो इसके 312 विधायकों में से करीब 114 पर आपराधिक केस दर्ज है। इतना ही नहीं 114 की संख्या में 85 पर तो संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है। अब सत्ता में हैं तो ज़ाहिर सी बात है कि कोई उंगली उठाने वाला नहीं है।
दूसरे दलों में भी कम नहीं हैं दागी
बात अगर यूपी में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की जाए तो विधानसभा चुनाव में 47 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। इसमें से 14 विधायकों पर किसी न किसी मामले में आपराधिक केस दर्ज है। जबकि 14 में 11 माननीयों पर तो संगीन मामले में केस दर्ज है। इसी तरह बसपा के 19 विधायकों में 5 तो कांग्रेस के 7 विधायकों में 1 पर मुकदमा दर्ज है। बसपा के 5 में से 4 पर संगीन धारा में केस दर्ज है।
निर्दलीय भी पीछे नहीं हैं
403 विधानसभा सीट वाले यूपी के पिछले चुनाव में भाजपा ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी। भाजपा की लहर में तीन निर्दलीय भी जीत दर्ज कर पाने में कामयाब रहे थे। हालांकि तीनों ही निर्दलीय विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इससे ये कहा जा सकता है कि निर्दलीय भी पीछे नहीं हैं।
क्या हुआ था कानपुर में
बता दें कि गुरुवार देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी कुख्यात अपराधी विकास दुबे को उसके गांव पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था। जिसमें एक क्षेत्राधिकारी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए। मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल है।