पंजाब में बढ़ा संकट, साेनिया गांधी ने कैप्टन अमरिंदर से मांगा इस्तीफा, अगले सीएम के नाम पर आज होगी चर्चा
अब पंजाब में विधानसभा चुनाव को मात्र छह माह का ही समय बचा है, ऐसे में कांग्रेस ने अपने सबसे मजबूत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांग लिया है। अभी अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुकी है लेकिन बताया जा रहा है कि पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। कैप्टन से उन्हें इस्तीफा सौंपने को कहा गया है।
चंडीगढ़। पिछले कई माह से पंजाब कांग्रेस में चल रही खींचतान खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई। कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए नवजोत सिंह सिद्धू की अदावत किसी से छिपी नहीं है। दोनों एक-दूसरे को भाव नहीं दे रहे है।
ऐसे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी जाती दिख रही है। पंजाब कांग्रेस भवन में शाम को विधायक दल की बैठक ये पहले ही पार्टी हाईकमान ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांग लिया है। पिछले कई दिनों से कैप्टन को हटाने की तैयारी चल रही थी। इसके बाद आज शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नया नेता चुना जाएगा।
आपकों बता दें कि अब पंजाब में विधानसभा चुनाव को मात्र छह माह का ही समय बचा है, ऐसे में कांग्रेस ने अपने सबसे मजबूत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांग लिया है। अभी अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुकी है लेकिन बताया जा रहा है कि पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं।
कैप्टन से उन्हें इस्तीफा सौंपने को कहा गया है। नए मुख्यमंत्री के लिए सुनील जाखड़ व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित कुछ अन्य नामाें की चर्चा है।आपकों बता दें कि तीन दिन पहले करीब 40 विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास जता दिया था।
उन्होंने पत्र में यह भी लिखा था कि और भी कई विधायक उनके खिलाफ हैं, लेकिन जब तक वह सीएम रहेंगे,कोई भी खुलकर उनके खिलाफ नहीं बोलेगा। ऐसे में विधायक दल की मीटिंग बुलानी जरूरी है जिसमें दो केंद्रीय पर्यवेक्षक भी हों।
इस चिट्ठी के आधार पर हरीश रावत ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की और शुक्रवार देर रात को उन्होंने पंजाब कांग्रेस कमेटी से आज शाम को पांच बजे विधायक दल की मीटिंग बुलाने को कहा।
बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर अजय माकन और हरीश राय चौधरी को भेजा जा रहा है। सुबह से यह तय हो गया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने निकटवर्ती विधायकों की बैठक सिसवां फार्म हाउस पर बुलाने जा रहे हैं उनके बेहद करीबी माने जाने वाले विधायकों ने भी दबी जुबां से कहना शुरू कर दिया है कि अब खेल खत्म हो गया है।
एक विधायक ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा कि हम पिछले लंबे समय से कैप्टन अमरिंदर से कहते आ रहे हैं कि अफसरों की बजाए पॉलिटिकल लोगों को आगे रखें। अब अफसरों से कहकर सरकार बचा लें कैप्टन। विधायकों का कहना है कि अब फार्म हाउस पर कौन जाएगा। केंद्रीय पर्यवेक्षकों की भी हम पर नजर है।
इससे पहले 25 अगस्त को भी एक ऐसी ही चिट्ठी लिखी और मीटिंग भी की जिसमें तीन दर्जन के लगभग विधायक मौजूद थे लेकिन उस बगावत को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शांत कर लिया । कैप्टन ने हाई कमान के कहने पर दस सदस्यी तालमेल कमेटी बना दी जिसमें पार्टी प्रधान नवजोत सिद्धू के अलावा चार कार्यकारी प्रधान और मंत्रियों को लिया गया। लेकिन 25 दिन बीतने के बाद एक भी बैठक नहीं हुई।
सिद्धू ने ट्वीट कर यह जानकारी दी
मालूम हो कि कि इससे पहले कांग्रेस आलाकमान ने 40 विधायकाें की पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग को स्वीकार कर लिया। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट का बताया है कि पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज शाम पांच बजे होगी।
बैठक में दो पर्यवेक्षक अजय माकन और हरीश राय चौधरी भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सियासी गलियारों में इसको लेकर कयासबाजी लगाई जा रही है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी कायम रहेगी या कांग्रेस नया मुख्यमंत्री बनाएगी।
वहीं हरीश रावत ने अपने ट्वीट में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को पंजाब के काफी संख्या में कांग्रेस विधायकों का पत्र मिला। इसमें कांग्रेस विधायक दल की तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद कांग्रेस विधासक दल की 18 सितंबर को शाम पांच बजे बैहोगी हाेगी।
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