चीन के मुद्दे पर लोकसभा में बोले रक्षामंत्री, हमारी सेना हर चुनौती के लिए तैयार
रक्षामंत्री ने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में लद्दाख का दौरा कर हमारे बहादुर जवानों से मुलाकात की थी और उन्हें यह संदेश भी दिया था कि समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं।
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी तनातनी के बीच मंगलवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा। इस दौरान रक्षामंत्री ने बताया कि चीन के साथ हम सभी मसलों का शांतिपूर्ण हल चाहते हैं लेकिन हमारी सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
रक्षामंत्री ने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में लद्दाख का दौरा कर हमारे बहादुर जवानों से मुलाकात की थी और उन्हें यह संदेश भी दिया था कि समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं।
मैंने भी लद्दाख जाकर अपने शूरवीरों के साथ कुछ समय बिताया है और मैं बताना चाहता हूं कि मैंने उनके अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को महसूस किया है।
अपने संबोधन में रक्षामंत्री ने चीन की नापाक हरकतों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया। उन्होंने कहा कि चीन ने भारत की लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर अनधिकृत कब्जा कर रखा है। 1963 में एक तथाकथित एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने चीन को 5180 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से सौंप दी है।
उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों ने, औपचारिक तौर पर यह माना है कि सीमा का प्रश्न एक जटिल मुद्दा है जिसके समाधान के लिए धैर्य की आवश्यकता है। वर्ष 1993 एवं 1996 के समझौते में इस बात का जिक्र है कि एलएसी के पास, दोनों देश अपनी सेनाओं की संख्या कम से कम रखेंगे।
फिर भी चीन की सीमा पर हमारे बहादुर जवान अत्यंत मुश्किल परिस्थतियों में अपने अथक प्रयास से समस्त देशवासियों को सुरक्षित रख रहे हैं। भारत यह मानता है कि पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों के लिए आपसी सम्मान आवश्यक है।
रक्षामंत्री ने कहा कि चीन की तरफ से 29 और 30 अगस्त की रात को जो सैनिक कार्रवाई की गई, उसका हमारी सेना ने माकूल जवाब दिया। चीन द्वारा एलएसी पर भारी मात्रा में सेना की तैनाती किया जाना 1993 और 1996 के समझौतों का उल्लंघन हैं।
सदन को आश्वस्त रहना चाहिए कि हमारी सेना हर चुनौती का सफलता से सामना करेंगी और इसके लिए हमें उन पर गर्व है। रक्षामंत्री ने यह भी स्पष्ट किया, कि हम इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष हमारे साथ मिलकर काम करें।
इस दौरान रक्षामंत्री ने सेना के वीर जवानों के लिए रिजोल्यूशन पास करने की मांग भी की, कि हम अपने वीर जवानों के साथ कदम-से-कदम मिलाकर खड़े हैं, जो कि अपनी जान की बगैर परवाह किए हुए देश की चोटियों की उचाईयों पर विषम परिस्थितियों के बावजूद भारत माता की रक्षा कर रहे हैं।