भाई की कलाई पर भारतीय राखी बांधकर चीन को परास्त करेंगी देहरादून की बहनें

टीम भारत दीप |
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दुकानदारों की इस पहल में ग्राहक भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। फोटो- ANI
दुकानदारों की इस पहल में ग्राहक भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। फोटो- ANI

देहरादून के व्यापारी इस बार रक्षाबंधन पर्व के लिए भारत में बनी राखी ही बेच रहे हैं।

देहरादून। गलवां घाटी में चीन की सेना के दुस्साहस के बाद हर भारतीय के मन में उबाल है। सेना के 20 जवानों की शहादत को ये देश भूला नहीं है। ऐसे में चीन को हर हाल में कड़ा सबक सिखाने का मन हर भारतीय बना चुका है। 

दूसरी तरफ भारत के प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत बनाने की अपील भी लोगों में स्वदेशी की भावना को भर रही है। इसी दिशा में एक पहल की है देहरादून के व्यापारियों ने। देहरादून के व्यापारी इस बार रक्षाबंधन पर्व के लिए भारत में बनी राखी ही बेच रहे हैं। 

एक दुकानदार ने बताया कि- हमने इस बार केवल भारतीय राखी का स्टॉक लगाया है। हम न तो चाइनीज राखी लाए हैं और न ही हम सलाह देंगे कि ग्राहक चाइनीज राखी खरीदें। चीन से हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं, हम चाहेंगे कि भारतीय वो लड़ाई जीतें।

दुकानदारों की इस पहल में ग्राहक भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। देहरादून की रहने वाली अपर्णा ने बताया कि उन्होंने अपने भाई के लिए इंडिया मेड राखी ही खरीदी हैं। हम खुद तो सीमा पर नहीं जा सकते लेकिन चीन के सामान को न खरीद कर हम आर्थिक रूप से उसे जरूर हराने में देश की मदद करेंगे। 

बता दें कि गलवां घाटी में चीन की सेना और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। इसमें भाारत के करीब 20 सैनिक शहीद हो गए और पीएलए के भी 43 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। तब से दोनों देशों के बीच हालात सामान्य नहीं हैं। 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना के बाद देश के नाम दिए अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया था। प्रधानमंत्री मोदी की अपील अप्रत्यक्ष रूप से चीन की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए थी क्योंकि चीन के लिए सबसे बड़ा बाजार भारत ही है। इसी के साथ भारत ने चीन की कंपनियों के 59 एप को भी भारत में बैन कर दिया है। इसके बाद से चीन बौखलाया हुआ है। 


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