देश में दिल्ली तो प्रदेश में गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर, जानें अन्य शहरों की स्थिति
जारी रिपोर्ट को माने तो देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश में गाजियाबाद की हवा सबसे प्रदूषित है। विश्व के शहरों के लिहाज से बात की जाए तो लखनऊ दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की श्रेणी में 9वें स्थान पर बना हुआ है।
लखनऊ। सरकार द्वारा लगातार प्रदूषण की निगरानी की जाती है। समय -समय पर देश और परदेश के शहरों के प्रदूषण की जानकारी शेयर की जाती है। इससे पता चलता है कि किस शहर की हवा कितनी शुद्ध और कितनी दमघोटू है। विगत दिवस जारी रिपोर्ट को माने तो देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश में गाजियाबाद की हवा सबसे प्रदूषित है।
विश्व के शहरों के लिहाज से बात की जाए तो लखनऊ दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की श्रेणी में 9वें स्थान पर बना हुआ है। यह एक चिंता का विषय है, क्योंकि गत वर्ष 2020 में कोरोना के चलते वाहनों के संचालन के साथ ही निर्माण कार्यों में भी कमी आई थी। इसके बाद भी यह हाल है।
चिंता की बात यह है कि इसके बावजूद दुनिया के 30 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में 20 शहर भारत के हैं। उत्तर प्रदेश के संदर्भ में स्थिति कहीं अधिक चिंताजनक है क्योंकि इन 20 शहरों में से 10 इस प्रदेश के ही हैं।
गाजियाबाद दुनिया में वायु प्रदूषण के लिहाज से दूसरे स्थान पर है, परंतु देश के प्रदूषित शहरों में वह टॉप पर है। वहीं उत्तर प्रदेश के ही बुलंदशहर बिशरख,जलालपुर वायु प्रदूषण में विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में तीसरे व चौथे स्थान पर है।
विश्व के तमाम देशों की राजधानी को अगर लें तो दिल्ली प्रदूषण के लिहाज से टॉप पर है। विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में लखनऊ दिल्ली से आगे नौवें स्थान पर,कानपुर आठवें, ग्रेटर नोएडा सातवें व नोएडा
छठे स्थान पर है जबकि मेरठ 12वें, आगरा 17वें व मुजफ्फरनगर 20वें स्थान पर है। बताते चले कि आई क्यू एयर हर वर्ष दुनिया के विभिन्न शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट जारी करता है जिसमें पार्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5 प्रदूषक को आधार लिया जाता है। वर्ष 2020 की यह रिपोर्ट 106 देशों के प्रमुख शहरों में पीएम 2.5 के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है।
पिछले साल के मुकाबले हवा में हुआ है सुधार
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के मुकाबले हालांकि देश के सभी शहरों में तुलनात्मक सुधार 63 फीसद तक हुआ है। लॉकडाउन के चलते हालांकि कई जगह प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ परंतु अभी भी आर्थिक व सेहत की काफी गंभीर स्थिति बनी हुई है।
राजधानी को देखें तो वर्ष 2017 में यह दुनिया का आठवां सर्वाधिक प्रदूषित शहर था। वर्ष 2018 में 9 वें पर रहा। वर्ष 2019 में स्थितियां कुछ बेहतर हुई और शहर 11वें पायदान पर आ गया।
लॉकडाउन मैं जब दुनिया भर में प्रदूषण से बड़ी राहत मिली यह चिंता का ही विषय है कि राजधानी लखनऊ में प्रदूषण 2019 के मुकाबले और बढ़ गया वर्ष 2020 में लखनऊ प्रदूषित शहरों की सूची में फिर नौवें स्थान पर पहुंच गया। इसका कारण यही है कि पूरे वर्ष शहर जबरदस्त प्रदूषण की गिरफ्त में रहता है जिसके चलते लॉकडाउन से मिली राहत भी कोई उत्साहवर्धक परिणाम ना दे सकी।
अभी और प्रयास की जरूरत
अविनाश चंचल, क्लाइमेट कैंपेनर, ग्रीनपीस इंडिया का इस विषय में कहना है कि लखनऊ दुनिया के दस सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में बना हुआ है। यह एक चिंतनीय स्थिति है। हालांकि लखनऊ में अभी भी पर्याप्त मॉनिटरिंग स्टेशन नहीं हैं।
प्रदूषण से लड़ाई में पहला कदम है कि हमारे पास उचित संख्या में मॉनिटरिंग स्टेशन हों जिससे सही आंकड़े मिल सकें। साथ ही राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत लखनऊ के लिए विशेष एक्शन प्लान बनाने की ज़रूरत है। इसके साथ ही अहम है कि शहर में यातायात सुविधाओं में बदलाव किए जाए। साइकिल लेन और समावेशी एवं सार्वजनिक यातायात साधनों को बेहतर करने की भी जरूरत है।