टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस सख्त, अब निकिता जैकब और शांतनु की बारी

टीम भारत दीप |

पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट टूलकिट मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां होने के संकेत पहले ही दिए थे। 
पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट टूलकिट मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां होने के संकेत पहले ही दिए थे। 

किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने के मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। रविवार कोपर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया था। इसका विरोध कई पी. चिदंबरम, अरविंद केजरीवाल सरीखे कई नेताओं ने की थी। इसी क्रम में निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है।

नईदिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ पंजाब हरियाणा के किसानों द्वारा शुरू किया विरोध प्रदर्शन अभी जारी है।किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने के मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।

रविवार कोपर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया था। इसका विरोध कई पी. चिदंबरम, अरविंद केजरीवाल सरीखे कई नेताओं ने की थी। इसी क्रम में निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है। पुलिस दोनों की तलाश कर रही है और लोकेशन मिलते ही इन्हें गिरफ्तार करेगी। 

दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट टूलकिट मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां होने के संकेत पहले ही दिए थे। इसमें शांतनु और निकिता का नाम सामने आ रहा था। पुलिस इन दोनों की भूमिका की जांच कर रही थी।

टूलकिल की जांच में ये बात सामने आई है कि दिशा समेत कई लोगों ने खालिस्तान को दोबारा खड़ा करने और भारत सरकार के बदनाम करने के लिए एक साजिश रची। दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने किसान हिंसा को लेकर एक साजिश के तहत अंजाम देने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही इसमें खुलासा किया जाएगा।
 
सरकार को बदनाम करने की साजिश

दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार भारत सरकार को बदनाम करने के लिए सब लोग एक साजिश के तहत जुड़े। इसके लिए ये लोग खालिस्तान समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जड़े। किसान आंदोलन के मद्देनजर टूलकिट अभियान सोची समझी साजिश के तहत चलाया गया था।

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से टूलकिट बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था।

टूल किट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है। चार फरवरी को जब मामला दर्ज किया गया था तो दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि शुरुआती जांच से पता चला है कि दस्तावेज के तार खालिस्तान.समर्थक समूहपोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़े हैं।

बता दें कि स्वीडन की 18 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर समर्थन दिखाते हुए ट्वीट किया था। आरोप है कि उन्होंने एक टूलकिट भी ट्वीट किया था, जिसमें भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश का प्लान था।


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