दिल्ली: ये 14 इलाके महिलाओं के लिए खतरनाक! दिल्ली पुलिस ने जारी किया अपराधों का आकड़ा
बताया गया कि दिल्ली का बिंदापुर, द्वारका साउथ, द्वारका नॉर्थ, सागरपुर, न्यू उस्मानपुर, सुल्तानपुरी, निहाल विहार, प्रेमनगर, केएन काटजू मार्ग, समय पुर बादली, आनंद पर्वत, लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, खजूरी खास। ये ऐसे इलाके है जहां महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध के मामले सामने आए हैं।
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के 14 इलाके महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं हैं। इन 14 इलाकों में महिलाओं के साथ हुए अपराधों के आंकड़ें इस बात की खुद—ब—खुद गवाही दे रहे हैं। दरअसल दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने शुक्रवार को अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सारी बातों की जानकारी दी। अपने सम्बोधन के दौरान उन्होंने महिलाओं के साथ हुए अपराधों का भी जिक्र किया।
इस प्रेस कांफ्रेन्स में महिलाओं के साथ हुए अपराधों का आंकड़ा तो जारी किया ही गया। साथ ही साथ 14 ऐसे डार्क स्पॉट के बारे में बताया गया जो महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं हैं। यह वह 14 खतरनाक इलाके हैं। जहां महिलाओं के साथ अपराध होने के खतरे बने रहते हैं।
बताया गया कि दिल्ली का बिंदापुर, द्वारका साउथ, द्वारका नॉर्थ, सागरपुर, न्यू उस्मानपुर, सुल्तानपुरी, निहाल विहार, प्रेमनगर, केएन काटजू मार्ग, समय पुर बादली, आनंद पर्वत, लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, खजूरी खास। ये ऐसे इलाके है जहां महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध के मामले सामने आए हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने अपनी इस सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो आंकड़े जारी किए।
उसे देखकर पता चलता है कि दिल्ली में रेप की शिकार पीड़िता के गुनहगार अधिकतर मामलों में परिचित ही होते हैं। यहां साल 2019 और साल 2020 के आंकड़े जारी किए। बताया गया कि साल 2019 से 2020 में सबसे ज्यादा 44 फीसदी आरोपी परिवार के लोग या करीबी थे। वहीं 26 फीसदी आरोपी पीड़िता के ही जानकार थे। वहीं खुद के रिश्तेदारों का प्रतिशत 14 है।
जबकि 12 फीसदी आरोपी पीड़िता के पड़ोसी थे। इसमें रेप के केस में सिर्फ 2 फीसदी आरोपी ऐसे हैं, जो पीड़िता को नहीं जानते हैं। दरअसल दिल्ली पुलिस ने जो आंकड़े जारी किए उससे यह साफ होता है कि महिलाओं को अपनों से ज्यादा खतरा है ना कि अनजान लोगों से। जारी आंकड़ों के मुताबिक 2020 में 1699 रेप के मामले दर्ज हुए। इनमें से सिर्फ 23 फीसदी आरोपियों को ही सज़ा हो पाई।
बाकी सब बरी हो गए। वहीं देश भर में सज़ा का प्रतिशत 28 बताया गया। वहीं दिल्ली में 21 प्रतिशत हत्याएं, गुस्से में आकर की गईं। बताया गया कि सबसे ज्यादा 44 फीसदी हत्याएं दुश्मनी और अन्य विवादों की वजह से हुई है। वहीं हत्याओं के मामलों की यदि बात करें तो दिल्ली पुलिस ने अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि साल 2020 में दिल्ली में कुल 472 हत्याएं हुईं थीं।
जबकि 2019 में 521 हत्याएं हुईं थीं. हालांकि 2019 की तुलना में 2020 में हत्यायों में कमी आई। दिल्ली में सबसे ज्यादा 44 फीसदी मर्डर आपसी दुश्मनी और अन्य विवादों की वजह से हुए। वहीं 21 फीसदी क़त्ल आरोपियों ने अचानक से आवेश में आकर किए। इसका मतलब आरोपी की हत्या करने के पीछे कोई सोची समझी साज़िश नहीं थी।
बल्कि अचानक बने हालात में गुस्से में आकर हत्या को अंजाम दिया गया। वहीं 17 फीसदी क़त्ल किसी अन्य वजहों से किए गए थे। वहीं 8 प्रतिशत हत्याएं आरोपियों ने रोमांच के चलते की थी।