किसान आंदोलनः गाजीपुर बाॅर्डर पर दिल्ली-यूपी पुलिस के ज्वाइंट आपरेशन की तैयारी, RAF भी पहुंची
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यूपी रोडवेज की दर्जनों बसों को भी यहां लाकर खड़ा कर दिया गया है। दूसरी तरफ, सिंघु बॉर्डर पर भी भारी फोर्स तैनात है। यहां पुलिस हैवी बैरिकेडिंग कर रही है।
नई दिल्ली/गाजियाबाद। देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस लगातार एक्शन में है। गुरूवार दोपहर बाद गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली और यूपी की पुलिस पहुंच गई है।
पुलिस ने यहां किसानों से आज ही सड़क खाली करने को कहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बॉर्डर खाली कराने के लिए देर शाम या रात को दिल्ली और यूपी की पुलिस ज्वाइंट ऑपरेशन कर सकती है। इस बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने सीनियर अफसरों की बैठक बुलाई है।
उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सीमा वाले गाजीपुर बार्डर पर दोनों राज्यों की पुलिस के पहुंचने के साथ ही आंदोलन कर रहे किसानों की पानी की सप्लाई काट दी गई। पुलिस ने यहां लगाए गए पोर्टेबल टॉयलेट भी हटाने शुरू कर दिए हैं।
यूपी रोडवेज की दर्जनों बसों को भी यहां लाकर खड़ा कर दिया गया है। दूसरी तरफ, सिंघु बॉर्डर पर भी भारी फोर्स तैनात है। यहां पुलिस हैवी बैरिकेडिंग कर रही है। उधर, बागपत में 40 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों को पुलिस ने बुधवार रात को हटा दिया था।
मंगलवार के उपद्रव में शामिल रहे किसान नेताओं के खिलाफ गुरुवार को लुकआउट नोटिस जारी किए गए। अब उनके पासपोर्ट जब्त किए जाएंगे, ताकि वे बिना इजाजत विदेश न जा सकें। सूत्रों ने बताया कि जिन 37 नेताओं के खिलाफ पुलिस ने बुधवार को रिपोर्ट दर्ज की थी, उनमें से 20 के खिलाफ ये नोटिस जारी किए गए हैं।
राजद्रोह का केस
बताया जा रहा है कि दिल्ली में लाल किले में हिंसा करने वालों पर पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया है। इससे पहले, पुलिस ने 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, 3 दिन में इसका जवाब दें।
इनमें से 6 के नाम अभी तक सामने आए हैं। ये नेता हैं राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर सिंह राजेवाल और जगतार सिंह बाजवा।
टिकैत के टेंट पर नोटिस चस्पा
दिल्ली के आईटीओ पर हिंसा के मामले में भाकियू के राकेश टिकैत और किसान नेता जगतार सिंह बाजवा को नोटिस देने पुलिस गुरुवार को दोपहर में 12.30 बजे गाजीपुर बॉर्डर पहुंची थी। लेकिन, दोनों नेता सामने नहीं आए।
इसके बाद पुलिस ने उनके टेंट पर नोटिस चिपका दिया। इधर, गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली काटने से नाराज टिकैत बोले, ‘सरकार दहशत फैलाने का काम कर रही है। गांवों में दिक्कत हुई तो किसान लोकल पुलिस थानों पर जाएंगे। वहां जो भी होगा, उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।‘
वहीं दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर दो महीने से आंदोलन कर रहे किसानों को अब लोगों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। गुरुवार दोपहर कुछ लोगों ने सिंघु बॉर्डर पहुंचकर नारेबाजी की। लोगों के हाथ में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे।
घायल पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे शाह
मंगलवार को हुए उपद्रव में दिल्ली पुलिस के 300 से ज्यादा जवान घायल हो गए। इनमें से कई अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। घायल जवानों के हालचाल जानने के लिए गृह मंत्री अमित शाह सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर और तीरथराम अस्पताल पहुंचे।