कोरोना से मरने वालों को 4 लाख रूपए मुआवजा देने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से मांगा जवाब
याचिका में कहा गया है कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा-12 में आपदा से मरने वाले लोगों के लिए सरकारी मुआवजे का प्रावधान है। बताया गया कि बीते साल केंद्र ने सभी राज्यों को कोरोना से मरने वाले लोगों को 4 लाख रुपए मुआवजा देने के लिए कहा था। इस साल ऐसा नहीं किया गया है।
नई दिल्ली। कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच कोरोना से मरने वाले सभी लोगों के परिवार को 4 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक याचिका में यह भी कहा गया है कि मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्र में मौत की सही वजह दर्ज की जानी चाहिए।
जिससे कि उनके परिवार को मुआवजा मिल सके। इधर कोर्ट ने आज केंद्र को जवाब देने के लिए 10 दिन का समय दिया है। बताया गया कि मामले को 11 जून को सुनवाई के लिए लगाने के निर्देश दिए गए है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर 2 वकीलों गौरव कुमार बंसल और रीपक कंसल की तरफ से याचिका दाखिल की गई है।
याचिका में कहा गया है कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा-12 में आपदा से मरने वाले लोगों के लिए सरकारी मुआवजे का प्रावधान है। बताया गया कि बीते साल केंद्र ने सभी राज्यों को कोरोना से मरने वाले लोगों को 4 लाख रुपए मुआवजा देने के लिए कहा था। इस साल ऐसा नहीं किया गया है।
वहीं इस पर जस्टिस अशोक भूषण और एम आर शाह की बेंच ने पूछा कि क्या किसी राज्य ने अपनी ओर से ऐसा मुआवजा दिया है? वकील ने कहा कि ऐसा किसी राज्य ने नहीं किया है। वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अस्पताल से मृतकों को सीधा अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है। न उनका पोस्टमॉर्टम होता है, न डेथ सर्टिफिकेट में लिखा जाता है कि मृत्यु का कारण कोरोना था।
ऐसे में यदि मुआवजे की योजना शुरू भी होती है तो लोग इसका लाभ कैसे ले पाएंगे। वकील के मुताबिक सभी राज्यों को यह निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह मरने वाले लोगों के डेथ सर्टिफिकेट पर मौत का सही कारण दर्ज करें। जिससे कि उनके परिवार को मुआवजा मिल सके। इधर जजों ने याचिका को अहम बताते हुए केंद्र से इस संबंध में जवाब देने के लिए कहा है।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना को मौत की वजह लिखने को लेकर सरकार की नीति और ICMR के निर्देशों को रिकॉर्ड पर रखा जाए। साथ ही कहा गया कि केंद्र यह भी बताए कि क्या वह राज्यों को कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा देने के लिए कहेगा।