डेंटिस्ट ने पहले प्रेमिका को गला दबाकर मारा, हत्या का राज छिपाने शव को कुत्ते के साथ दफनाया

टीम भारत दीप |

डेंटिस्ट ने अपनी असिस्टेंट की हत्या के बाद क्लीनिक के पास ही उसे दफना दिया।
डेंटिस्ट ने अपनी असिस्टेंट की हत्या के बाद क्लीनिक के पास ही उसे दफना दिया।

सतना में डेंटिस्ट ने पहले अपने सहयोगी महिला की हत्या की फिर सबूत मिटाने के लिए अजय देवगन की फिल्म दृश्यम का तरीका अपनाते हुए युवती के शव को दफना दिया, लेकिन मोबाइल की काल डिटेल से पुलिस उस तक पहुंच गई।

सतना- मध्यप्रदेश।  मध्यप्रदेश के सतना जिले में हत्याकर सबूत मिटाने के लिए अनोखा तरीका एक डेंटिस्ट द्वारा अपनाया गया इसके बाद भी मोबाइल की काल डिटेल ने हत्या का राज खोल दिया।  

सतना में डेंटिस्ट ने पहले अपने सहयोगी महिला की हत्या की फिर सबूत मिटाने के लिए अजय देवगन की फिल्म  दृश्यम का तरीका अपनाते हुए युवती के शव को दफना दिया, लेकिन मोबाइल की काल डिटेल से पुलिस उस तक पहुंच गई।


क्लीनिक के  पास शव दफनाया

डेंटिस्ट ने अपनी असिस्टेंट की हत्या के बाद क्लीनिक के पास ही उसे दफना दिया। किसी को शक न होए इसलिए उसके ऊपर कुत्ते को दफन कर दिया। युवती के माता- पिता को डेंटिस्ट झांसा देता रहा कि उसकी नौकरी कहीं और लग गई है। वह कुछ दिनों बाद लौट आएगी।

लाख प्रयास के बाद भी बेटी से जब संपर्क नहीं हुआ तो परिजन ने थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी। पुलिस ने युवती की काल डिटेल निकाली तो उसकी आखिरी लोकेशन क्लीनिक के पास ही मिली। सख्ती करने पर डॉक्टर ने सच उगल दिया।

पुलिस के मुताबिक विभा केवट 24 एलएलबी की छात्रा थी, वह मल्लाहन टोला धवारी में रहती थी। वहीं आशुतोष कन्या धवारी स्कूल के शिक्षक का बेटा है, वह शिवराजपुर का मूल निवासी है। यहां एमपीईबी कॉलोनी में रहता है।

विभा शहर में कलेक्टर भवन के पास फैमिली दंत चिकित्सालय में डॉ. आशुतोष त्रिपाठी की क्लीनिक पर असिस्टेंट का काम करती थी। वह 14 दिसंबर 2020 से लापता थी। उसकी हत्या डेंटिस्ट डॉ. आशुतोष त्रिपाठी ने ही की थी।

डॉक्टर ने पहले उसे प्रेम जाल में फंसाया, फिर उसका शारीरिक शोषण भी करने लगा। युवती उससे बार-बार शादी करने के लिए कह रही थी। लेकिन वह शादी नहीं करना चाहता था। दबाव बढ़ने पर उसने युवती को मारने की साजिश रची। एक दिन मौका पाकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी।

शादी का दबाव बनाने पर की हत्या

14 दिसंबर 2020 को युवती लापता हो गई। परिजनाें ने बेटी को फोन किया। कॉल नहीं लगा। डाॅक्टर से पूछताछ की तो उसने कहा,आपकी बेटी की नौकरी लग गई है। नौकरी कहां लगीए इसकी जानकारी नहीं दी। त्रिपाठी करीब डेढ़ महीने तक झांसा देता रहा। बेटी से बात नहीं होने पर निराश होकर परिजन सिटी कोतवाली पहुंचे। यहां 1 फरवरी को बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई।

मोबाइल काल से खुली पोल

पुलिस ने विभा की कॉल डिटेल निकाली तो आखिरी कॉल डॉ. आशुतोष त्रिपाठी के ही मोबाइल पर मिली। इस पर पुलिस ने आशुतोष को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पहले तो आरोपी बरगलाता रहा, लेकिन सख्ती करने पर उसने जुर्म कबूल लिया।

उसने पुलिस को बताया कि 14 दिसंबर को ही विभा की हत्या कर दी थी। इसके बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए वारदात के बाद शव क्लीनिक के ही पास सुलभ शौचालय के बाजू में गड्‌ढा खुदवाकर दफन कर दी। शनिवार को सीएसपी विजय प्रताप सिंह और टीआई कोतवाली अर्चना द्विवेदी जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। यहां गड्‌ढा खुदवाकर लाश बरामद की।

अब जेल में रहेगा आरोपी डाॅक्टर

पुलिस ने बताया, आरोपी ने असिस्टेंट की हत्या उसके ही दुपट्टे से गला घोंट कर की थी। उसे डर था कि दुर्गंध के कारण लोगों को घटना का पता ना चल जाए। दो दिन तक आरोपी ने शव को क्लीनिक में रखा रहा।

सच छिपाने के लिए उसने एक मरे हुए कुत्ते का भी इंतजाम किया। इसके बाद मजदूरों की मदद से गड्‌ढा खुदवाया। नमक की बोरियां मंगवाईं। इसके बाद शव को दफना दिया। उसके ऊपर मिट्‌टी डाली। इसके बाद मरे हुए कुत्ते को भी दफनाया, ताकि दुर्गंध आने पर अगर कोई देखने पहुंचे, तो उसे युवती का शव होने का संदेह न हो।


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