आरबीआई की मौद्रिक नीति की बैठक में चर्चा जारी, रेपो रेट में बदलाव के चांस कम
आपको बता दें प्रत्येक दो महीने में होने वाली इस मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे, आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था, इस समय रेपो दर चार प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर है।
नईदिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक बुधवार से शुरू हो गई। आर्थिक जगत के जानकारों ने उम्मीद जताई कि एमपीसी कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई अनिश्चितता के कारण नीतिगत दरों में बदलाव नहीं हो सकता।
एमपीसी द्वारा मुद्रास्फीति में तेजी की आशंका के चलते भी इस दौरान ब्याज दरों में किसी बदलाव की उम्मीद कम है।आपको बता दें प्रत्येक दो महीने में होने वाली इस मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे, आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था, इस समय रेपो दर चार प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर है।
लॉकडाउन का दिखेगा असर
ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुख्य आर्थिक सलाहकार एम गोविंदा राव ने कहा कि उम्मीद से बेहतर जीडीपी के आंकड़ों से एमपीसी को वृद्धि के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है, उन्होंने कहा कि हालांकि देश के कई हिस्सों में लगाए गए आंशिक लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के चलते वृद्धि को लेकर नकारात्मक जोखिम तेज हो गए हैं।
आरबीआई अपने उदार मौद्रिक नीति रुख को जारी रखेगा और सतर्क दृष्टिकोण के साथ रेपो दर को चार प्रतिशत पर बनाए रखेगा, हाउसिंग डॉट कॉम, मकान डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल का मानना है कि आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के अपने प्रमुख लक्ष्य को खतरे में डाले बिना अपने उदार रुख को बनाए रख सकता है।
कोटक महिंद्रा बैंक के समूह अध्यक्ष (उपभोक्ता बैंकिंग) शांति एकंबरम ने भी कहा कि एमपीसी नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा और एक उदार रुख के साथ प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा।
अप्रैल में दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था
आपको बता दें कि पिछले माह अप्रैल 2021 में हुई बैठक में भी दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। अगर 4 जून को ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होता है तो यह लगातार छठवीं ऐसी बैठक महोगी जिसमें आरबीआई की अहम दरें वर्तमान स्तरों पर ही बरकरार रखी जाएंगी। बैठक में गर्वनर शक्तिकांता दास 4 जून को MPC के फैसलों का एलान करेंगे।
कंज्यूमर महंगाई में उतार-चढ़ाव हो सकता है
आरबीआई के अनुमान के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी सीपीआई अनुमान में आगे उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। वहीं खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर मॉनसून पर निर्भर करेगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आरबीआई वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अपनी मौद्रिक नीतियों के अनुरुप ही लिक्विडिटी को सही स्तर पर बनाए रखने का पूरा प्रयास करेगा। साथ ही वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने पर पूरा फोकस करेगा।
दरों को कई बार घटाया है
रिजर्व बैंक ने कई बार दरों को घटाया है, पर बैंक इसका पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं देते हैं। पिछले कोरोना से लेकर अब तक रिजर्व बैंक ने करीबन 1.50 पर्सेंट से ज्यादा की दरों में कटौती की है। हालांकि इस समय लोन पर जो ब्याज दरें हैं, वह ऐतिहासिक रूप से सबसे कम हैं और यही हाल आपकी बैंक में जमा रकम पर भी है। उस पर भी सबसे कम ब्याज मिल रहा है।
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