मुझे न रोको मैं बिना बांके बिहारी के दर्शन के नहीं जाऊंगी, मुझे भगवान ने बुलाया है
वह बार— बार यही रट लगाई थी कि मुझे न रोको मैं बिना बांके बिहारी के दर्शन के नहीं जाऊंगी, मुझे भगवान ने बुलाया है, वह बिहारी जी के दर्शन को अड़ गई।
मथुरा। कोरोना की वजह से बहुत कुछ बदल गया है। संक्रमण की श्रृंखला आगे न बढ़े इसलिए प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। यहां तक कि धर्मस्थलों पर आने —जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी गाइड लाइन बनाई गई। इसी क्रम में मथुरा के बांकेबिहारी मंदिर को भी बंद किया गा था।
मंगलवार को मथुरा जिले के मगोर्रा क्षेत्र से मंगलवार शाम को वृंदावन आई एक युवती ने बांकेबिहारी मंदिर के बाहर जमकर हंगामा किया। वह बार— बार यही रट लगाई थी कि मुझे न रोको मैं बिना बांके बिहारी के दर्शन के नहीं जाऊंगी, मुझे भगवान ने बुलाया है। वह बिहारी जी के दर्शन को अड़ गई।
मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने उसे समझाया, लेकिन वह मंदिर के चबूतरे के सामने से हटने को तैयार नहीं हुई। बोली, मुझे बिहारीजी जी ने बुलाया है, दर्शन करके ही जाएगी। वहां मौजूद उसके पिता ने किसी तरह उसे समझाया। युवती बोली— मुझे पता है मंदिर बंद है, लेकिन मुझे तो ठाकुर जी ने बुलाया है। युवती के पिता साहब सिंह ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही बिहारी जी की भक्ति में लीन है। उसकी शादी हो चुकी है। इसने अपनी शादी में भी ठाकुर जी की मूर्ति मांगी थी।
युवती बार—बार जोर देकर कह रही थी कि वह कोई सामान्य भक्त नहीं है, बगैर दर्शन के नहीं घर लौटेगी। युवती का हंगामा देखकर मंदिर के बाहर भीड़ जुट गई। सुरक्षाकर्मियों ने युवती को बमुश्किल से चबूतरे के सामने सड़क से हटाया। मालूम हो कि कोरोना की वजह से सात महीने बाद 17 अक्तूबर को खुले बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी। इसके बाद संक्रमण न फैले इसलिए मंदिर को फिर बंद कर दिया गया था। भगवान के दर्शन के लिए कुछ श्रद्धालु कोर्ट की शरण में भी पहुंच गए थे।