गोरखपुर में खुलेंगे रोजगार के द्वार, पांच हजार से अधिक लोगों को मिलेगा काम

टीम भारत दीप |

आवंटित 68 भूखंडों में कुछ लोगों ने फैक्ट्री लगाने का काम शुरू कर दिया है।
आवंटित 68 भूखंडों में कुछ लोगों ने फैक्ट्री लगाने का काम शुरू कर दिया है।

नया साल जिले के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा। गीडा में स्थापित हो रही सरिया बनाने की एकीकृत फैक्ट्री में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अप्रैल में इस फैक्ट्री में उत्पादन शुरू हो जाएगा। फैक्ट्री स्थापित करने वाली फैक्ट्री अंकुर उद्योग के एमडी निखिल जालान का कहना है कि फैक्ट्री की स्थापना का काम अंतिम चरण में है। मशीनें लगाई जा रही हैं। रेलवे की लाइन बिछाई जा चुकी है।

गोरखपुर। नववर्ष में प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलने का सिलसिला  जारी रहेगा। गोरखपुर औद्याेगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। जिले में नई फैक्ट्रियों की स्थापना से करीब पांच हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से स्थापित हो रही सरिया बनाने वाली फैक्ट्री में अकेले करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

सरिया बनाने की फैक्ट्री में मिलेगा रोजगार

नया साल जिले के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा। गीडा में स्थापित हो रही सरिया बनाने की एकीकृत फैक्ट्री में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अप्रैल में इस फैक्ट्री में उत्पादन शुरू हो जाएगा। फैक्ट्री स्थापित करने वाली फैक्ट्री अंकुर उद्योग के एमडी निखिल जालान का कहना है कि फैक्ट्री की स्थापना का काम अंतिम चरण में है।

मशीनें लगाई जा रही हैं। रेलवे की लाइन बिछाई जा चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फैक्ट्री में तीन लाख टन प्रतिवर्ष सरिया का उत्पादन होगा। प्रत्यक्ष रूप से 800 जबकि प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष मिलाकर करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

एथेनाल प्लांट भी मार्च में शुरू होगा

इसी तरह इंडिया ग्लाइकाल्स लिमिटेड (आइजीएल) में अनाज से एथेनाल बनाने का प्लांट भी मार्च 2022 में शुरू हो जाएगी। यहां जनवरी में ही किसानों से टूटे चावल की खरीद शुरू कर दी जाएगी। किसानों को बाजार दर पर भुगतान किया जाएगा।

आईजीएल के बिजनेस हेड एसके शुक्ला का कहना है कि 100 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हो रहे प्लांट से करीब 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। किसानों का जो अनाज कहीं नहीं पूछा जाता था, उसे खरीदा जाएगा। प्रति वर्ष 90 हजार टन टूटा चावल खरीदा जाएगा।

गारमेंट पार्क में भी लगेंगी फैक्ट्रियां

गीडा में विकसित हो रहे गारमेंट पार्क में भी जल्द ही फैक्ट्रियां लगनी शुरू हो जाएंगी। यहां जमीन आवंटन के लिए साक्षात्कार हो चुका है। सड़क-नाली जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

जल्द ही आवंटन के लिए हुए साक्षात्कार का परिणाम भी घोषित हो जाएगा, जिसके बाद फैक्ट्रियों की स्थापना से रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसी तरह पहले से आवंटित 68 भूखंडों में कुछ लोगों ने फैक्ट्री लगाने का काम शुरू कर दिया है। यहां भी बड़े पैमाने पर रोजगार मिलने की उम्मीद है।

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